भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सोमवार रात करीब 9 बजे अचानक अपने पद से इस्तीफा दे दिया. अपने इस इस्तीफे के पीछे उन्होंने स्वास्थ्य कारणों का हवाला दिया. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को लिखे पत्र में उन्होंने कहा कि मैं तत्काल प्रभाव से इस्तीफा देता हूं. उन्होंने स्नेह और सम्मान के लिए सभी सांसदों का शुक्रिया अदा किया.
ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यही है कि अब आगे क्या, कौन संभालेगा उनका जिम्मा और क्या है इसकी संवैधानिक व्यवस्था?
जगदीप धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया. अपने इस्तीफे में उन्होंने संविधान के अनुच्छेद 67(क) का हवाला दिया है. धनखड़ ने कहा कि मैं संविधान के अनुच्छेद 67(ए) के अनुसार तत्काल प्रभाव से भारत के उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा देता हूं. धनखड़ ने राष्ट्रपति को लिखकर इस्तीफा दिया. उन्होंने कहा कि डॉक्टरों की सलाह पर इस्तीफा दे रहा हूं. राष्ट्रपति को लिखे पत्र में धनखड़ ने कहा कि देश की प्रगति का हिस्सा बनना सौभाग्य की बात है. सभी संसद सदस्यों से मुझे स्नेह मिला.
धनखड़ के इस्तीफे के बाद सबसे बड़ा सवाल यही है कि आखिर अब उनकी जिम्मेदारी कौन संभालेगा? दरअसल, संवैधानिक व्यवस्था यही है कि जब तक नया उपराष्ट्रपति चुना नहीं जाता, तब तक राज्यसभा का उपसभापति या राष्ट्रपति द्वारा नामित कोई सदस्य ही उपराष्ट्रपति की जिम्मेदारी निभाता है क्योंकि कार्यवाहक उपराष्ट्रपति के लिए कोई नियुक्ति नहीं होती. यह पद खाली ही रहता है.
क्या है पूरी संवैधानिक व्यवस्था?
अनुच्छेद 68 के अनुसार, उपराष्ट्रपति के निधन, इस्तीफा या किसी अन्य वजहों से यह पद खाली होने पर सबसे पहले जल्द से जल्द चुनाव कराया जाता है. जब तक नया चुनाव नहीं होता तब तक उपराष्ट्रपति का पद खाली रहता है. चुनाव पारदर्शी तरीके से होता है. जो भी व्यक्ति चुना जाता है, उसे उस दिन से पांच साल का कार्यकाल मिलता है यानी वो उस दिन से अगले पांच साल तक उपराष्ट्रपति पद पर बना रहेगा. चुने गए व्यक्ति को अनुच्छेद 69 अंतर्गत के शपथ लेते हैं. राष्ट्रपति की मौजूदगी में शपथग्रहण होता है.
क्या है उपराष्ट्रपति के इस्तीफे की पूरी प्रक्रिया?
- उपराष्ट्रपति का इस्तीफा स्वैच्छिक होता है और इसके लिए कोई विशेष कारण बताने की आवश्यकता नहीं होती है. इस्तीफे के बाद उपराष्ट्रपति का पद रिक्त होने तक कोई अंतरिम व्यवस्था नहीं होती, तब तक राज्यसभा का उपसभापति उनका कार्यभार संभाल सकता है.
- भारतीय संविधान के अनुच्छेद 67(a) में यह प्रावधान है कि उपराष्ट्रपति राष्ट्रपति को पत्र लिखकर अपने पद से रिजाइन कर सकते हैं. इस्तीफा पत्र प्राप्त होने के बाद राष्ट्रपति इसे स्वीकार करते हैं. इस्तीफा स्वीकार होने के बाद इसकी आधिकारिक अधिसूचना जारी की जाती है और उपराष्ट्रपति का कार्यकाल तत्काल प्रभाव से समाप्त हो जाता है.
- उपराष्ट्रपति के पद के खाली होने पर संविधान के अनुच्छेद 68 के तहत नए उपराष्ट्रपति का चुनाव निर्धारित समय के भीतर किया जाता है. चुनाव प्रक्रिया में संसद के दोनों सदनों (लोकसभा और राज्यसभा) के सदस्य भाग लेते हैं. लोकसभा के 543 और राज्यसभा के 245 सदस्य (12 मनोनीत सदस्य शामिल) वोट करते हैं.