असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने गुरुवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर बड़ा आरोप लगाया। उन्होंने अतिक्रमणकारियों को भड़काने और अपने शब्दों से उन्हें ग्वालपाड़ा में सुरक्षा बलों पर हमला करने के लिए उकसाने का आरोप लगाया।
झड़प में जवाबी पुलिस गोलीबारी में व्यक्ति की मौत हो गई थी।
उन्होंने कहा कि राहुल गांधी के दौरे के एक दिन बाद पैकन रिजर्व फॉरेस्ट में हुई हिंसक घटना कांग्रेस नेता की विनाशकारी विरासत है। उन्होंने दावा किया कि उनकी गैर-जिम्मेदाराना बयानबाजी ने असम में जीवन और शांति को खतरे में डाल दिया है। सीएम सरमा ने बुधवार को लोकसभा में विपक्ष के नेता के राज्य के एक दिवसीय दौरे का हवाला देते हुए कहा, ‘राहुल गांधी असम आए और उन्होंने अतिक्रमणकारियों को वन भूमि पर कब्जा करने के लिए खुलेआम उकसाया।
राहुल पर आरोप क्यों?
दरअसल, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के साथ राहुल गांधी ने गुवाहाटी में असम के शीर्ष पार्टी पदाधिकारियों के साथ बंद कमरे में चर्चा की थी और यहां से लगभग 40 किलोमीटर दूर चायगांव में एक कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित किया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि असम की तरह ही पूरे देश में लोगों से जमीन छीनकर कुछ उद्योगपतियों को दी जा रही है।
‘बेतुके शब्दों से भड़क कर एक हिंसक भीड़ ने हमला किया’
CM सरमा ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘उनके बेतुके शब्दों से भड़क कर एक हिंसक भीड़ ने पैकन रिजर्व फॉरेस्ट पर जबरन अतिक्रमण करने की कोशिश करते हुए हमारे पुलिस और वन कर्मियों पर हमला कर दिया। अपनी ड्यूटी के दौरान 21 बहादुर पुलिस अधिकारियों और वन रक्षकों को गंभीर चोटें आईं। उन्होंने कहा कि कोई विकल्प न होने पर पुलिस को व्यवस्था बहाल करने के लिए गोलियां चलानी पड़ीं, जिसमें एक अतिक्रमणकारी की मौत हो गई।’
राहुल पर बोला करारा हमला
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘राहुल के एक दिवसीय असम दौरे की यह विनाशकारी विरासत है। उनकी गैर-जिम्मेदाराना बयानबाजी ने सीधे तौर पर लोगों की जान जोखिम में डाल दी है। हमारे राज्य में शांति भंग कर दी है। असम के लोग इस विश्वासघात को न तो भूलेंगे और न ही माफ करेंगे।’
क्या है मामला?
इससे पहले गुरुवार को गोलपाड़ा जिले के पैकन रिजर्व फॉरेस्ट में अतिक्रमण से हटाए गए लोगों और सुरक्षाकर्मियों के बीच हुई झड़प में कम से कम एक व्यक्ति की मौत हो गई थी और पुलिसकर्मियों सहित कई अन्य घायल हो गए थे। ग्वालपाड़ा के जिला आयुक्त प्रदीप तिमुंग ने बताया कि वन रक्षकों और पुलिसकर्मियों पर कथित अतिक्रमणकारियों ने लाठियों से हमला किया और उन पर पत्थर फेंके। वे शनिवार को पैकन आरक्षित वन क्षेत्र के एक हिस्से से अतिक्रमण हटाने गए थे। जवाबी कार्रवाई में पुलिस को हालात पर काबू पाने के लिए गोली चलानी पड़ी, जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई और दो अन्य घायल हो गए। पथराव की घटना में कई पुलिसकर्मी और वनकर्मी घायल हो गए।