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Sawan Somwar: आज सावन माह में पहले सोमवार का व्रत रखा जाएगा, पढ़ें आज सावन के पहले सोमवार की पूजन-विधि और इससे जुड़ी समस्त जानकारी.

Sawan Somwar 2025: सावन माह के पहले सोमवार का व्रत आज यानि 14 जुलाई को रखा जा रहा है. सावन में सोमवार के व्रत का विशेष महत्व होता है. सावन का पावन और पवित्र महीना भोलेनाथ को समर्पित है. इस माह में सोमवार के दिन का महत्व होता है. इस दिन व्रत करने से और भोलेनाथ की आराधना करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है.

साल 2025 में सावन में कुल 4 सोमवार पड़ेंगे. सावन का पहला सोमवार आज 14 जुलाई को रखा जाएगा. सावन का दूसरा सोमवार 21 जुलाई को रखा जाएगा. सावन का तीसरा सोमवार 28 जुलाई को पड़ेगा वहीं सावन में चौथे और आखिरी सोमवार का व्रत 4 अगस्त को रखा जाएगा.

सावन पहला सोमवार 2025 तिथि 

सावन में पहले सोमवार व्रत के दिन श्रावण माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि रहेगी. इस दिन चतुर्थी तिथि 14 जुलाई को रात 1.26 मिनट पर शुरू होगी रात 11.59 मिनट पर समाप्त होगी इस दिन धनिष्ठा नक्षत्र रहेगा साथ ही आयुष्मान योग बन रहा है. इस दिन चंद्रमा कुंभ राशि में रहेंगे.

सावन सोमवार शिव पूजा मंत्र 

  • ॐ नमो भगवते दक्षिणामूर्त्तये मह्यं मेधा प्रयच्छ स्वाहा.
  • म्भवाय च मयोभवाय च नमः शंकराय च मयस्कराय च नमः शिवाय च शिवतराय च.
  • देवाय नमस्तस्मै पिनाकिने . नमस्तस्मै भगवते कैलासाचल वासिने .

सावन सोमवार की पूजन विधि

  • सावन सोमवार के दिन सुबह स्नान के बाद व्रत का संकल्प लें.
  • पूजा स्थल की अच्छे से सफाई करें.
  • शिव परिवार की मूर्ति स्थापित करें.
  • शिवलिंग पर सबसे पहले गंगाजल, फिर दूध और पंचामृत चढ़ाएं.
  • इसके बाद बिल्व पत्र, धतूरा, भांग, सफेद फूल, फल, मिठाई और चावल अर्पित करें.
  • घी का दीपक जलाएं.
  • ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र जाप करें.
  • सोमवार व्रत कथा और भगवान शिव की आरती.
  • शाम के समय भगवान शिव की आराधना करें.
  • व्रत का पारण अगले दिन करें.

सावन सोमवार 2025 भोग (Sawan Somwar 2025 Bhog)-

सावन माह में भोगलेनाथ को उनकी प्रिय चीजों का भोग लगाना चाहिए. इस दिन शिव जो खीर, सफेद मिठाई, हलवा, खीर,दही, खजूर, गन्ने का रस, पंचामृत, बेसन के लड्डू का भोग लगा सकते हैं.

सावन सोमवार के व्रत में फलहार का सेवन करें. इस दिन पूरी श्रृद्धा भाव के साख देवों के देव महादेव की आराधना करें और उनका आशीर्वाद लें और आपकी सभी मनोकामनाएं भगवान पूर्ण करते हैं

सावन सोमवार व्रत कथा

श्रावण मास भगवान शिव को विशेष रूप से प्रिय होता है. सावन सोमवार व्रत विशेष रूप से कुंवारी कन्याएं अच्छे वर की प्राप्ति और विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए करती हैं. कहते हैं कि सावन सोमवार का व्रत रखकर इस कथा का पाठ करने से हर मनोकामना पूरी होती है. चलिए पढ़ते हैं सावन सोमवार व्रत की पौराणिक कथा.

प्राचीन समय में एक निर्धन ब्राह्मण दंपति रहते थे, जो कि भगवान शिव के परम भक्त थे. उन दोनों की कोई संतान नहीं थी और वे संतान की प्राप्ति के लिए शिवजी की तपस्या करते थे. कई सालों तक लगातार पूजा-पाठ करने के बाद भी उन्हें संतान नहीं हुई, जिससे निराश होकर वे शिव मंदिर में जाकर पूजा-अर्चना करने लगे.

भगवान शिव ने दिए दर्शन

ब्राह्मण दंपति हर समय भोलेनाथ की भक्ति में लगे रहते थे. उनकी भक्ति देख भगवान शिव प्रसन्न हुए और उन्होंने सपने में दंपत्ति को दर्शन दिए. भगवान शिव ने उनसे कहा कि वे सावन में हर सोमवार को व्रत करें और मेरी पूजा करें. ऐसा करने से तुम्हें संतान सुख जरूर मिलेगा.

यह सुनकर ब्राह्मण दंपति ने पूरे श्रावण मास में सोमवार को व्रत रखा, शिवलिंग पर जल, बेलपत्र, धतूरा और फूल आदि भी चढ़ाए. उन्होंने दिनभर व्रत रखकर शाम को शिवजी की आरती कर भोग लगाया. ऐसा कहा जाता है कि सावन समाप्त होते-होते उन्हें शिवजी का आशीर्वाद प्राप्त हुआ और कुछ समय बाद उन्हें एक सुंदर पुत्र की प्राप्ति हुई

पूरी होती है हर मनोकामना

धार्मिक मान्यता है कि श्रद्धा और भक्ति से भगवान शिव की पूजा करने से मनोकामनाएं जरूर पूर्ण होती हैं. सावन सोमवार का व्रत शिव कृपा पाने का उत्तम उपाय माना गया है. अगर आप सावन सोमवार व्रत में इस कथा का पाठ करते हैं, तो आपको मनोवांछित फल की प्राप्ति हो सकती है.

(Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. RBNEWS PVT LTD इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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