महाराष्ट्र सरकार राज्य में धर्मांतरण की घटनाओं पर रोक लगाने के लिए एक सख्त कानून लाने की तैयारी कर रही है. यह जानकारी बुधवार को राज्य के राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने विधानसभा में दी. भाजपा विधायक अनूप अग्रवाल और अन्य सदस्यों द्वारा धर्मांतरण के मुद्दे पर उठाए गए सवालों का जवाब देते हुए बावनकुले ने कहा कि सरकार इस दिशा में कड़े प्रावधानों वाला कानून लाने पर विचार कर रही है.
मंत्री बावनकुले ने कहा, “राज्य में धर्मांतरण रोकने के लिए एक सख्त कानून बनाया जाएगा. इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से चर्चा की जाएगी ताकि कठोर प्रावधानों के साथ एक प्रभावी कानून तैयार किया जा सके.”
बावनकुले ने विधानसभा में बताया कि उन्होंने धुले-नंदुरबार के संभागीय आयुक्त को निर्देश दिए हैं कि वे क्षेत्र में संचालित हो रहे अनधिकृत गिरजाघरों की जांच करें और छह महीने के भीतर उन्हें ध्वस्त करें.
इस पर भाजपा विधायक अतुल भटकलकर ने आपत्ति जताते हुए सवाल उठाया कि छह महीने का समय क्यों दिया गया है? बावनकुले ने स्पष्ट किया कि किसी भी कार्रवाई से पहले विधिवत शिकायतों की जांच करना जरूरी है.
आदिवासी क्षेत्रों में धर्मांतरण का आरोप
वहीं, विधायक अनूप अग्रवाल ने दावा किया कि धुले जिले के नवापुर क्षेत्र में आदिवासियों और गैर-आदिवासियों को ईसाई धर्म अपनाने के लिए प्रलोभन दिया जा रहा है. आरोप लगाया जा रहा है कि आदिवासी इलाकों में प्रलोभन देकर ईसाई धर्म अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है.
इस बाबत पहले भी विधायक विधानसभा में आरोप लगा चुके हैं और अब यह मामहा महाराष्ट्र विधानसभा में फिर से उठाया गया है. उसके बाद राज्य के मंत्री का बयान आया है. यह बयान राजनीतिक रूप से काफी अहम माना जा रहा है.
धर्मांतरण के मुद्दे पर सरकार की इस सख्त रुख को देखते हुए आने वाले दिनों में इस पर सियासी सरगर्मी बढ़ सकती है, विपक्ष की ओर से अभी इस प्रस्तावित कानून पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन सामाजिक संगठनों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के बीच भी इस पर बहस तेज होने की संभावना है.