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गुजरात: वडोदरा जिले में आज सुबह एक पुल का कुछ हिस्सा ढह जाने की वजह से कई गाड़ियां नदी में समाने से 12 लोग मारे गए और कई लोग घायल, कांग्रेस बोली- हमने कहा था पुल की हालत ठीक नहीं

गुजरात के वडोदरा जिले में आज बुधवार सुबह एक पुल का कुछ हिस्सा ढह जाने की वजह से कई गाड़ियां नदी में समा गईं. जबकि इस हादसे में 12 लोग मारे गए और कई लोग घायल हो गए. चार दशक पुराने पुल के ढहने की घटना के बाद विपक्षी दलों की ओर से जान-माल के इस नुकसान पर राज्य की बीजेपी सरकार पर हमला तेज कर दिया गया है.

कांग्रेस ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर अपने पोस्ट में कहा कि वडोदरा में महिसागर नदी पर बना गंभीरा ब्रिज बीच से टूट गया. हादसे में कई गाड़ी नदी में गिर गए, जिसके चलते कुछ लोगों की मौत हो गई व कई लोग घायल हुए हैं. कांग्रेस परिवार पीड़ित परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करता है. साथ ही ईश्वर से प्रार्थना है कि वे घायलों को शीध्र स्वास्थ्य लाभ प्रदान करें. ये हादसा ‘गुजरात मॉडल’ के नाम पर हुए जमकर भ्रष्टाचार की पोल खोल रहा है.

सरकार ने मरम्मत पर ध्यान नहीं दियाः अमित चावड़ा

हादसे को लेकर गुजरात कांग्रेस विधायक दल के नेता अमित चावड़ा ने कहा, “गुजरात के आणंद और वडोदरा जिलों को जोड़ने वाला मेन पुल, गंभीरा पुल आज सुबह ढह गया. पूरे सौराष्ट्र का यातायात यहां से होकर गुजरता है. हमने सरकार से बार-बार मांग की थी, और लोगों ने उन्हें पत्र भी लिखे थे कि पुल की हालत ठीक नहीं है और इसकी मरम्मत कराई जानी चाए, लेकिन सरकार ने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया. इसी वजह से यह बड़ा हादसा हो गया.”

“सरकार की लापरवाही की वजह से आज यह पुल ढह गया और कई लोगों की मौत हो गई. हम सरकार से हादसे की जांच की मांग करते हैं. हमने आणंद और वडोदरा प्रशासन से तुरंत बचाव कार्य शुरू करने के लिए बात की है. पुल ढहने की घटना के बाद वैकल्पिक व्यवस्था की भी मांग की गई है. साथ ही हम सरकार से मांग करते हैं कि गुजरात में ऐसी घटनाएं बार-बार होती रहती हैं, इसलिए उसे राज्य के सभी पुलों का ऑडिट करवाना चाहिए, उनके फिटनेस सर्टिफिकेट लेने चाहिए और उन्हें सार्वजनिक करना चाहिए.”

‘गुजरात मॉडल’ भ्रष्टाचार का दूसरा नामः श्रीनेत

कांग्रेस की एक अन्य नेता और प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने भी हादसे पर दुख जताया और कहा कि वडोदरा में महिसागर नदी पर बना गंभीरा ब्रिज बीच से टूट गया. कई गाड़ी नदी में गिर गए, जिसके चलते कुछ लोगों की दर्दनाक मौत हो गई और कई लोग घायल हो गए. पीड़ित परिवारों को हमारी संवेदनाएं. खोखला ‘गुजरात मॉडल’ भ्रष्टाचार का दूसरा नाम है.

इससे पहले गुजरात के स्वास्थ्य मंत्री ऋषिकेश पटेल ने बताया कि गंभीरा पुल का एक स्लैब ढह जाने से कुछ गाड़ियां महिसागर नदी में गिर गईं. महिसागर नदी पर स्थित गंभीरा पुल मध्य गुजरात और राज्य के सौराष्ट्र क्षेत्र को जोड़ता है.

इस पुल का निर्माण 1985 में हुआ था. मंत्री ने कहा, “घटना के वास्तविक कारण की जांच की जाएगी. मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने तकनीकी विशेषज्ञों को घटनास्थल पर पहुंचने और हादसे के कारण की जांच का निर्देश दिया है.” करीब 900 मीटर लंबे गंभीरा पुल के 23 खंभे हैं और यह गुजरात के वडोदरा और आणंद जिलों को जोड़ता है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हादसे पर दुख जताया है. पीएमओ ने एक्स पर पोस्ट कर कहा कि गुजरात के वडोदरा जिले में एक पुल के ढहने से हुई जनहानि बेहद दुखद है. जिन लोगों ने अपने प्रियजनों को खोया है, उनके प्रति मेरी संवेदनाएं हैं. घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं. प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से प्रत्येक मृतक के परिजनों को 2 लाख रुपए की अनुग्रह राशि दी जाएगी. घायलों को 50,000 रुपये दिए जाएंगे.

वडोदरा में ब्रिज गिरने पर कांग्रेस नेता पवन खेड़ा का गुजरात सरकार पर हमला

अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) के मीडिया एवं प्रचार विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने इस हादसे को लेकर कहा कि गुजरात में पुल हादसे अब दुर्घटना नहीं, बल्कि अपराध बन चुके हैं.

उन्होंने कहा, जो एक बार हो, वो हादसा होता है, लेकिन जो बार-बार हो, वो अपराध होता है. मोरबी पुल हादसे में लगभग 150 जानें गईं, फिर भी सरकार नहीं चेती. आज वडोदरा में गंभीरा पुल गिरा और 9 से ज्यादा लोगों की जान गई. लगातार मरम्मत और निरीक्षण की बातें होती रहीं, लेकिन सरकार लीपापोती करती रही. नाम विकास का, काम विनाश का!

कांग्रेस ने चेतावनी दी, अनदेखी का लगाया आरोप

इससे पहले कांग्रेस नेता अमित चावड़ा ने भी सरकार की तीखी आलोचना करते हुए कहा कि पुल की हालत खराब होने की जानकारी पहले से थी, लेकिन सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की.

उन्होंने कहा, आनंद और वडोदरा जिलों को जोड़ने वाला गंभीरा पुल आज सुबह लगभग 7:30 बजे ढह गया. यह पुल सौराष्ट्र से मध्य गुजरात को जोड़ने वाला अहम मार्ग था. स्थानीय लोगों और नेताओं ने सरकार को कई बार पत्र लिखकर चेताया था कि पुल की हालत जर्जर है और इसकी मरम्मत जरूरी है, लेकिन सबको नजरअंदाज किया गया.

चावड़ा ने यह भी कहा कि सरकार की बेरुखी और समय रहते कदम न उठाने की वजह से यह हादसा हुआ. हादसे में एक ट्रक, एक वैन और एक कार पुल के टूटने से महिसागर नदी में जा गिरीं. मौके पर स्थानीय लोगों ने तुरंत राहत कार्य शुरू किया, इसके बाद पुलिस, दमकल विभाग और आपदा राहत बल की टीमों ने मोर्चा संभाला.

नियमित निरीक्षण और जवाबदेही पर सवाल

वडोदरा से लगभग 25 किलोमीटर दूर स्थित यह पुल भारी वाहनों के लिए महत्वपूर्ण मार्ग था, जिससे खासकर सौराष्ट्र की ओर यातायात होता था. कांग्रेस का आरोप है कि यह पुल लंबे समय से जर्जर था, लेकिन सरकार ने समय रहते जरूरी कदम नहीं उठाए. विपक्ष का कहना है कि पुलों की नियमित जांच और रखरखाव में लापरवाही के चलते राज्य में ऐसे हादसे बार-बार हो रहे हैं.

अब इस घटना को लेकर गुजरात सरकार पर जवाबदेही तय करने का दबाव बढ़ गया है. कांग्रेस ने मांग की है कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए और राज्य में सभी पुराने पुलों की तत्काल जांच कर मरम्मत सुनिश्चित की जाए.

सरकार की ओर से हादसे की जांच के आदेश दे दिए गए हैं, लेकिन विपक्ष इस पर संतुष्ट नहीं दिख रहा. कांग्रेस समेत अन्य दलों का कहना है कि मोरबी जैसी त्रासदियों से भी अगर सरकार ने सबक नहीं लिया, तो ऐसी घटनाएं फिर दोहराई जाती रहेंगी.

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