उत्तर प्रदेश सरकार की भ्रष्टाचार के प्रति ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति के तहत जालौन जिले में बड़ा एक्शन लिया गया है. कदौरा ब्लॉक के ग्राम अकबरपुर इटौरा में पशुओं के चारे के नाम पर हुए भ्रष्टाचार का भंडाफोड़ हुआ है. इस मामले में ग्राम पंचायत सचिव अभिषेक यादव को दोषी पाए जाने पर तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है. उन पर करीब 2 लाख 97 हजार रुपए की वित्तीय अनियमितता का आरोप है, जिसे उन्होंने फर्जी हस्ताक्षर कर अपने निजी हित में निकाल लिया था. वहीं डीएम राजेश कुमार पांडेय ने सचिव के खिलाफ एफआईआर करने के आदेश दिए हैं.
पूरा मामला तब उजागर हुआ जब गोवंशों के चारे की धनराशि के दुरुपयोग की शिकायत जिला प्रशासन को प्राप्त हुई. शिकायत के आधार पर जिलाधिकारी राजेश कुमार पांडेय ने तत्काल जांच के आदेश दिए. जांच की जिम्मेदारी जिला विकास अधिकारी निशांत पांडे को सौंपी गई. जांच में पाया गया कि सचिव अभिषेक यादव ने रूपये का उपयोग अपने लिए किया और चारा घोटाला किया.
यह घोटाला ऐसे समय सामने आया है जब राज्य सरकार ग्राम पंचायतों को गोवंश के संरक्षण एवं भरण-पोषण के लिए करोड़ों रुपए की राशि हर साल आवंटित करती है. लेकिन कई ग्राम पंचायतों में यह धन भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रहा है. इस मामले के सामने आने के बाद अन्य ग्राम पंचायतों की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठने लगे हैं और संभावना है कि अब कई पंचायतें जांच के दायरे में आ सकती हैं.
जल्द होनी चाहिए कार्रवाई
जिलाधिकारी ने यह भी संकेत दिया कि शासन की योजनाओं की पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए समय-समय पर ग्राम पंचायतों की ऑडिट और फील्ड निरीक्षण कराया जाएगा. इस कार्रवाई के बाद ग्रामीणों ने डीएम की तत्परता और निष्पक्षता की सराहना करते हुए मांग की है कि अन्य योजनाओं में भी इसी तरह जांच कर भ्रष्टाचारियों पर सख्त कार्रवाई की जाए. ग्रामीणों का कहना है कि ऐसे मामलों में जल्द कार्रवाई होना जरूरी है ताकि भ्रष्ट अधिकारियों को कड़ा संदेश जाए.
भ्रष्टाचार के खिलाफ होंगे एक्शन
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा बार-बार दिए जा रहे निर्देशों के अनुसार, प्रदेश में भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान लगातार चलाया जा रहा है. इस दिशा में जालौन प्रशासन की यह कार्रवाई एक मजबूत उदाहरण बनकर सामने आई है. फिलहाल सचिव अभिषेक यादव के निलंबन के बाद ग्राम स्तर पर योजनाओं की निगरानी और सतर्कता को लेकर प्रशासन ने गंभीरता दिखाई है, जिससे अन्य ग्राम सचिवों को भी स्पष्ट संदेश गया है कि यदि वे किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी में लिप्त पाए गए, तो उनके खिलाफ भी कठोर कदम उठाए जाएंगे.