ओडिशा के पुरी में श्रीगुंडिचा मंदिर के पास आज रविवार सुबह को हुई भगदड़ की घटना के बाद राज्य सरकार ने कड़ा एक्शन लिया और 2 पुलिस अफसरों को निलंबित कर दिया. जबकि जिलाधिकारी और एसपी का ट्रांसफर कर दिया. मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने पुरी में हुई भगदड़ के लिए भगवान जगन्नाथ के भक्तों से क्षमा मांगी है. जबकि कांग्रेस ने कहा कि इसके लिए बरती गई लापरवाही और कुप्रबंधन अक्षम्य है.
मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने पुरी मंदिर भगदड़ की स्थिति के आकलन के लिए उपमुख्यमंत्रियों के साथ बैठक की. बैठक के बाद मुख्यमंत्री ने बताया कि पुरी के जिलाधिकारी सिद्धार्थ एस. स्वैन और पुलिस अधीक्षक (एसपी) विनीत अग्रवाल का ट्रांसफर कर दिया गया है.
वरिष्ठ अधिकारी पिनाक मिश्रा, जो वर्तमान में एडीजी (क्राइम) हैं, को पुरी का नया एसपी बनाया गया है जबकि खुर्दा के कलेक्टर चंचल राणा पुरी के नए जिलाधिकारी के रूप में कार्यभार संभालेंगे. यही नहीं सरकार ने पुरी के डीसीपी बिष्णु चरण पति और पुलिस कमांडेंट अजय पाधी को निलंबित कर दिया है.
भगदड़ के लिए CM माझी ने मांगी माफी
आज सुबह हुई भगदड़ की घटना पर सीएम माझी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर माफी मांगते हुए कहा, “मैं और मेरी सरकार सभी जगन्नाथ भक्तों से माफी मांगते हैं. भगदड़ में अपनी जान गंवाई वाले श्रद्धालुओं के परिवारों के प्रति हम अपनी संवेदना व्यक्त करते हैं. महाप्रभु जगन्नाथ से हमारी प्रार्थना हैं कि वे उन्हें इस दुख को सहन करने की शक्ति प्रदान करें.”
साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि सुरक्षा चूक की जांच की जाएगी और दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा, “यह लापरवाही अक्षम्य है. सुरक्षा चूक को लेकर की तत्काल जांच की जाएगी और मैंने अफसरों को निर्देश दिया है कि घटना के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई शुरू करने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएं.”
DGP कर रहे हादसे की जांचः कानून मंत्री
राज्य के कानून मंत्री पृथ्वी राज हरिचंदन ने बताया कि भगदड़ मामले की जांच ओडिशा के पुलिस महानिदेशक (DGP) कर रहे हैं, दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी. इससे पहले अधिकारियों ने बताया कि भगदड़ की यह घटना आज तड़के करीब 4 बजे हुई जब सैकड़ों श्रद्धालु रथ यात्रा उत्सव देखने के लिए मंदिर के पास पहुंचे. उन्होंने बताया कि घायलों को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है इसमें से 6 लोगों की हालत गंभीर बताई जा रही है.
भगदड़ की इस घटना में कम से कम 3 लोगों की मौत हो गई जबकि 50 अन्य लोग घायल हो गए. पुरी के जिला कलेक्टर सिद्धार्थ एस. स्वैन ने बताया कि यह घटना तब हुई जब सैकड़ों की संख्या श्रद्धालु दर्शन के लिए श्रीगुंडिचा मंदिर के पास पहुंच गए. भीड़ अचानक बढ़ गई और वहां पर भगदड़ जैसी स्थिति पैदा हो गई. घायलों को तुरंत पुरी जिला अस्पताल ले जाया गया. उनमें से 6 की हालत गंभीर है.
हादसा सरकार की नाकामीः नवीन पटनायक
एक अधिकारी का कहना है कि हम इस बात की जांच कर रहे हैं कि भीड़ क्यों उमड़ी और क्या भीड़ को नियंत्रित करने में कोई चूक हुई है.
भगदड़ की घटना पर विपक्ष हमलावर हो गया है. पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेडी अध्यक्ष नवीन पटनायक ने राज्य सरकार की आलोचना की और कहा कि पुरी में भगदड़ ने भक्तों के लिए सुरक्षित और व्यवस्थित रथ यात्रा सुनिश्चित करने में सरकार की स्पष्ट नाकामी को दर्शाता है. पटनायक ने X पर कहा, “रथयात्रा के दौरान भीड़ प्रबंधन की घोर नाकामी के ठीक एक दिन बाद आज की भगदड़ ने शांतिपूर्ण उत्सव सुनिश्चित करने में सरकार की अक्षमता को उजागर कर दिया है.”
वहीं कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि वह इस घटना से बहुत दुखी हैं. खरगे ने जोर देकर कहा कि लापरवाही और कुप्रबंधन की वजह से यह घटना हुई, जो माफी के लायक नहीं है.