उन्नाव: नवाबगंज की साप्ताहिक मीट मंडी बनी संक्रामक रोगों का केंद्र, संचारी रोग अभियान पर उठे सवाल
नवाबगंज नगर के साप्ताहिक बाजार में लगने वाली मीट और मछली की मंडी आम जनता के लिए मुसीबत का कारण बनती जा रही है। मंडी में मांस विक्रेताओं द्वारा अपशिष्ट खुले में फेंकने से न केवल गंदगी फैल रही है, बल्कि संक्रामक बीमारियों का खतरा भी तेजी से बढ़ रहा है। स्थानीय लोगों और व्यापारियों ने नगर पंचायत की उपेक्षा रवैये पर गहरी नाराजगी जताई है।
समस्या को लेकर उठी आवाजें
नगर के सक्रिय नागरिक *उदय प्रताप सिंह* ने तीखा सवाल उठाया है:
“जब जुलाई माह में प्रशासन संचारी रोग अभियान चलाने की बात कर रहा है, तो क्या खुले में मीट का अपशिष्ट छोड़कर उस अभियान को सफल बनाया जा सकता है?”
उन्होंने कहा कि बाजार में फैली *गंदगी, दुर्गंध और मक्खियों* की भरमार से आम लोगों का निकलना भी मुश्किल हो गया है।
सब्जी विक्रेताओं की भी परेशानी
वहीं, व्यापारी दिलीप जयसवाल ने बताया कि
“मीट मंडी की गंदगी की वजह से सब्जी बेचने और खरीदने वालों को भारी परेशानी होती है। मांस के अपशिष्ट से उठती दुर्गंध के बीच ग्राहक ठहरते नहीं, जिससे सब्जी व्यापार भी प्रभावित हो रहा है। फिर भी कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।”
नगर पंचायत की चुप्पी पर सवाल
स्थानीय निवासी कमलदीप ने बताया कि
“इस विषय पर पहले भी कई बार शिकायतें की गईं, पत्र दिए गए, मगर *नगर पंचायत की तरफ से कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई*। समझ नहीं आता कि समस्या दिखने के बावजूद इस पर कार्रवाई क्यों नहीं हो रही।”
प्रशासन की चुप्पी चिंताजनक
जुलाई में पूरे प्रदेश में संचारी रोग नियंत्रण के लिए अभियान चलाया जाना है, लेकिन *नवाबगंज जैसे क्षेत्रों में जमीनी स्तर पर स्थिति चिंताजनक बनी हुई है*। यदि इस दिशा में तत्काल कदम नहीं उठाए गए, तो *अभियान कागज़ों में सीमित होकर रह जाएगा
स्थानीय लोगों ने प्रशासन से की कार्रवाई की मांग
नगरवासियों ने जिलाधिकारी से मांग की है कि *साप्ताहिक मीट मंडी की व्यवस्था सुधारी जाए*, खुले में अपशिष्ट न फेंकने के लिए *कड़े दिशा-निर्देश जारी किए जाएं*, और नगर पंचायत को *जवाबदेह ठहराया जाए*।