तेहरान: ईरान और इजरायल के बीच हिंसक संघर्ष जारी है। इस बीच ईरान के सुप्रीम लीडर खामेनेई को अपनी जान का खतरा नजर आ रहा है। ऐसे में उन्होंने 3 संभावित उत्तराधिकारियों के नाम घोषित किए हैं। ये जानकारी द न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के हवाले से सामने आई है।
द न्यूयॉर्क टाइम्स (NYT) की रिपोर्ट के अनुसार, खामेनेई ने बंकर में छिपकर तीन मौलवियों को संभावित उत्तराधिकारी के रूप में चुना है। हालांकि इनके नामों का खुलासा नहीं हुआ है। हैरानी की बात ये भी है कि खामेनेई ने अपने बेटे मोजतबा का नाम उत्तराधिकारी के रूप में नामित नहीं किया है। हालांकि पहले जो रिपोर्ट सामने आ रही थीं, उसमें ये कहा जा रहा था कि खामेनेई अपने बेटे को उत्तराधिकारी के तौर पर तैयार कर रहे हैं। बता दें कि अयातुल्ला खामेनेई के बेटे मोजतबा भी एक मौलवी हैं।
मिली जानकारी के मुताबिक, अयातुल्ला खामेनेई ने अपने देश की विशेषज्ञों की सभा और पादरी निकाय को निर्देश देने का निर्णय लिया है, जिसमें ये कहा गया है कि खामेनेई के द्वारा दिए गए तीन नामों में से एक का चयन जल्दी से करें। वैसे तो सुप्रीम लीडर को चुनने की प्रक्रिया लंबी है, लेकिन युद्ध की वजह से ये फैसला जल्दी लेने को कहा गया है।
ऐसे में ये साफ है कि इजरायल के साथ संघर्ष में अगर खामेनेई की मौत हो जाती है तो उत्तराधिकारी के रूप में नामित इन 3 नामों में से कोई एक ईरान का सुप्रीम लीडर बनेगा।
ईरान और इजरायल के बीच संघर्ष क्यों हो रहा है?
ईरान की इस्लामी क्रांति (1979) के बाद, अयातुल्ला ख़ुमैनी के नेतृत्व में शिया इस्लाम आधारित शासन स्थापित हुआ, जिसने इज़रायल को अपने अस्तित्व के लिए खतरा माना। ईरान ने इज़रायल को “अवैध यहूदी राज्य” करार दिया और फिलिस्तीनी मुद्दे को समर्थन देकर इज़रायल-विरोधी नीति अपनाई। दूसरी ओर, इज़रायल, एक यहूदी बहुल देश, ईरान की इस नीति को अपने लिए खतरा मानता है।
1980 के दशक से शुरू हुआ ईरान का परमाणु कार्यक्रम इज़रायल के लिए चिंता का प्रमुख कारण है। इज़रायल को डर है कि ईरान परमाणु हथियार विकसित कर सकता है, जो उसके अस्तित्व के लिए खतरा हो सकता है। इज़रायल ने ईरान के परमाणु ठिकानों, जैसे नतांज़, पर साइबर हमले (जैसे स्टक्सनेट) और हवाई हमले किए हैं। ईरान का दावा है कि उसका परमाणु कार्यक्रम शांतिपूर्ण है, लेकिन इज़रायल और पश्चिमी देश इस पर संदेह करते हैं। ऐसे में दोनों देश आमने-सामने हैं और अपनी-अपनी विचारधारा के साथ लड़ाई लड़ रहे हैं।