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केरल, पंजाब, पश्चिम बंगाल की एक-एक और गुजरात की दो विधानसभा सीट पर उप चुनाव जारी, पंजाब की लुधियाना पश्चिम सीट पर कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच कड़ा मुकाबला

देश के चार राज्यों की पांच विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हो रहे हैं। इसके लिए वोटिंग भी गुरुवार (19 जून) सुबह सात बजे शुरू हो चुकी है। केरल की नीलांबुर, पंजाब की लुधियाना पश्चिम, पश्चिम बंगाल की कलीगंज और गुजरात की विसवदर, कडी सीट के लिए मतदान जारी है। उपचुनाव के नतीजे 23 जून को जारी किए जाएंगे। ये चुनाव किसी भी राज्य की सत्ता में बदलाव नहीं लाएंगे, लेकिन क्षेत्र की जनता के नेतृत्व के लिए और आगामी चुनाव की तैयारियों के लिए अहम हैं।

नीलांबुर में चौतरफा टक्कर

सत्तारूढ़ वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) समर्थित निर्दलीय विधायक पी.वी. अनवर और सत्तारूढ़ मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के बीच रास्ते अलग होने से उत्तरी मलप्पुरम जिले में स्थित नीलांबुर में उपचुनाव हो रहे हैं। मुख्यमंत्री पिनराई विजयन की सरकार के लगातार दूसरे कार्यकाल के पूरा होने में कुछ ही महीने शेष हैं, ऐसे में नीलांबुर में उपचुनाव सत्तारूढ़ माकपा के नेतृत्व वाले एलडीएफ और विपक्षी दल कांग्रेस नीत यूडीएफ (संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा) दोनों के लिए प्रतिष्ठा की लड़ाई बन गई है। कांग्रेस ने नीलांबुर नगरपालिका के पूर्व अध्यक्ष आर्यदान शौकत को मैदान में उतारा है, जो दिवंगत पार्टी के वरिष्ठ नेता आर्यदान मोहम्मद के पुत्र हैं, वहीं माकपा ने अपने राज्य सचिवालय सदस्य एम. स्वराज पर भरोसा जताया है। दोनों पारंपरिक मोर्चों ने अपनी अपनी जीत को लेकर विश्वास जताया है, वहीं भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) ने पेशे से वकील मोहन जॉर्ज को मैदान में उतारकर अपनी किस्मत आजमाने का फैसला किया, जो पहले केरल कांग्रेस के विभिन्न गुटों से जुड़े थे।

 

कलीगंज उपचुनाव तृणमूल कांग्रेस, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस-वाम गठबंधन के बीच त्रिकोणीय मुकाबले का रूप लेता दिखाई दे रहा है। चुनावी चर्चा में पहचान आधारित राजनीति, मुर्शिदाबाद दंगों के बाद उपजी चिंताएं और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद बढ़ा राष्ट्रवादी माहौल प्रमुख मुद्दे बनकर उभरे हैं। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद पश्चिम बंगाल में यह पहला चुनाव है। इस वर्ष की शुरुआत में तृणमूल कांग्रेस के विधायक नसीरुद्दीन अहमद के निधन के कारण यह उपचुनाव जरूरी हो गया था। तृणमूल कांग्रेस ने नसीरुद्दीन अहमद की बेटी, 38 वर्षीय अलीफा अहमद को अपना उम्मीदवार बनाया है। अलीफा अहमद बीटेक स्नातक और कॉर्पोरेट पेशेवर हैं। भाजपा ने स्थानीय पंचायत सदस्य और पूर्व मंडल अध्यक्ष आशीष घोष को उम्मीदवार बनाया है, जबकि कांग्रेस ने मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) नीत वाम मोर्चा के समर्थन से काबिल उद्दीन शेख को उम्मीदवार बनाया है। इस निर्वाचन क्षेत्र में कुल 2,52,670 पंजीकृत मतदाता हैं, जिनमें 1,30,363 पुरुष और 1,22,303 महिलाएं शामिल हैं। सुचारू एवं सुलभ मतदान सुनिश्चित करने के लिए मतदान केन्द्रों की संख्या घटाकर 309 कर दी गई है।

लुधियाना पश्चिम में 14 उम्मीदवार

लुधियाना पश्चिम विधानसभा सीट आप के विधायक गुरप्रीत बस्सी गोगी का जनवरी में निधन होने के कारण खाली हो गई थी। इस सीट के लिए कुल 14 उम्मीदवार मैदान में हैं जिनके भाग्य का फैसला 1.74 लाख मतदाता करेंगे। अधिकारियों ने बताया कि उपचुनाव के लिए कुल 194 मतदान केंद्र होंगे। राज्य में सत्तारूढ़ ‘आप’ ने उपचुनाव के लिए राज्यसभा सदस्य संजीव अरोड़ा को मैदान में उतारा है। अरोड़ा (61) लुधियाना के उद्योगपति हैं और अपने सामाजिक कल्याण कार्यों के लिए भी जाने जाते हैं। वह ‘कृष्ण प्राण ब्रेस्ट कैंसर चैरिटेबल ट्रस्ट’ चलाते हैं। अरोड़ा 2022 से राज्यसभा के सदस्य हैं। विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने पूर्व मंत्री और कांग्रेस की पंजाब इकाई के कार्यकारी अध्यक्ष भारत भूषण आशु (51) पर दांव लगाया है। आशु 2012 और 2017 में दो बार इस सीट से विधायक रह चुके हैं। वर्ष 2022 के पंजाब विधानसभा चुनाव में उन्हें गोगी ने 7,512 मतों के अंतर से हराया था। आशु पिछली कांग्रेस सरकार में खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री रह चुके हैं। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने पार्टी के वरिष्ठ नेता जीवन गुप्ता को मैदान में उतारा है। वह पंजाब भाजपा की कोर कमेटी के सदस्य हैं। वह इससे पहले पार्टी की प्रदेश इकाई के महासचिव रह चुके हैं। शिरोमणि अकाली दल (शिअद) ने उपचुनाव के लिए परोपकर सिंह घुम्मन को अपना उम्मीदवार बनाया है। घुम्मन पेशे से वकील हैं और लुधियाना बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष हैं।

गुजरात में आप-कांग्रेस बीजेपी में मुकाबला

गुजरात की विसावदर और कडी विधानसभा सीटों पर भाजपा, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच त्रिकोणीय मुकाबला है। पूर्व आप विधायक भूपेंद्र भयानी के दिसंबर 2023 में भाजपा में शामिल होने के बाद से खाली हुई जूनागढ़ की विसावदर सीट पर हाई-प्रोफाइल उम्मीदवार मैदान में हैं। भाजपा ने किरीट पटेल, कांग्रेस ने नितिन रणपरिया और आप ने अपने पूर्व गुजरात अध्यक्ष गोपाल इटालिया को मैदान में उतारा है। मेहसाणा जिले के कादी में, अनुसूचित जाति (एससी) के उम्मीदवारों के लिए आरक्षित सीट फरवरी में भाजपा विधायक करसन सोलंकी की मृत्यु के बाद से खाली है। सत्तारूढ़ पार्टी ने राजेंद्र चावड़ा को मैदान में उतारा है। कांग्रेस ने रमेश चावड़ा को मैदान में उतारा है, जो 2012 में सीट जीतने वाले पूर्व विधायक हैं, जबकि आप ने जगदीश चावड़ा पर दांव लगाया है। हर निर्वाचन क्षेत्र में 294 मतदान केंद्रों पर इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) के माध्यम से मतदान होगा। गुजरात सरकार ने मतदाताओं की भागीदारी को प्रोत्साहित करने के लिए मतदान के दिन दोनों निर्वाचन क्षेत्रों में सार्वजनिक अवकाश की भी घोषणा की है।

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