UP Students Stuck In Iran: ईरान और इजरायल के बीच जारी युद्ध ने उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में रहने वाले एक पिता की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. गाजियाबाद का रहने वाला एक युवक MBBS की पढ़ाई के लिए ईरान के तेहरान में गया था. पिता का दावा है उनके बेटे को मौत छू कर निकल गई. वह खाना खाने के लिए हॉस्टल से बाहर निकाला था, इस दौरान हॉस्टल पर मिसाइल अटैक हो गया.
अब परिवार ने प्रधानमंत्री से अपील की है कि जिस तरीके से यूक्रेन से छात्रों को निकाला गया, वैसे ही ईरान से भी छात्रों को निकाला जाए. बेहटा हाजीपुर में मोहम्मद अली अपने परिवार के साथ रहते हैं. मोहम्मद अली का बेटा रिजवान एमबीबीएस करने के लिए ईरान के तेहरान में है. मोहम्मद अली बताते हैं कि उनका बेटा हॉस्टल से बाहर खाना खाने के लिए निकला, इस दौरान उसके हॉस्टल पर मिसाइल गिर गई.
ईरान में फंसे छात्रों का वापस लाने की अपील
मोहम्मद अली के मुताबिक उनके बेटे का फोन कागजात सब हॉस्टल में ही थे. अब महज कुछ सेकंडों के लिए रिजवान किसी और के फोन से सिर्फ इतना बता पता है कि वह जिंदा है. मोहम्मद अली ने प्रधानमंत्री मोदी से अपील की है कि जिस तरीके से उन्होंने यूक्रेन से छात्रों को निकाला, उसी तरीके से ईरान में मौजूद भारतीय छात्रों को सरकार वापस बुलाए. रिजवान नवम्बर 2024 में तेहरान गया था.
ईरान और इजरायल के बीच बढ़ रहा तनाव
बता दें कि ईरान और इजरायल के बीच चल रहा तनाव बढ़ता ही जा रहा है. इन दोनों के बीच चल रहा युद्ध अभी तक नहीं रोका जा सका है. ईरानी मीडिया के मुताबिक इजरायल ने पूर्वी तेहरान में ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड्स से जुड़े इमाम हुसैन विश्वविद्यालय को निशाना बनाया है.
इजरायल-ईरान युद्ध के बीच फंसे यूपी के कई मजदूर, बंकर में छिपने को मजबूर, परिजन परेशान
इजराइल और ईरान में जारी युद्ध के बीच वहां रह रहे भारतीय मजदूरों की जिंदगी खौफ के साए में गुजर रही है. यूपी के बाराबंकी जिले से दो दर्जन से ज्यादा युवक इजरायल में काम करने गए थे, लेकिन युद्ध के हालात में वो फंस गए हैं और इन दिनों बंकर में छिपकर अपनी जान बचा रहे हैं. घर पर परिजनों का बुरा हाल है. वो हर पर अपनों की सलामती की दुआएं कर रहे हैं और पल-पल वीडियो कॉल के जरिए उनका हालचाल ले रहे हैं.
बाराबंकी के देवा कस्बे की नई बस्ती घेरी से ग्यारह महीने पहले ही करीब दो दर्जन युवक काम की तलाश में इजरायल गए थे, इनमें से कई वहां के निर्माण कार्य में जुटे हुए हैं. लेकिन, ईरान से साथ बढ़े तनाव के बाद दोनों देशों में युद्ध छिड़ा हुआ है. ऐसे में इन लोगों की जिन्दगी की रफ्तार थम गई है. हर तरफ डर औॅर दहशत का माहौल है.
इजराइल में रह रहे मोनू सिंह सिंह भी इजरायल जाने वाले युवकों की लिस्ट में शुमार हैं और यहां की एक कंपनी में श्रमिक के तौर पर काम कर रहे थे. उन्होंने वीडियो कॉल पर बताया कि जैसे ही सायरन बजता है, सभी को तुरंत बंकर में जाना पड़ता है. पिछले कुछ दिनों में मिसाइल हमलों की संख्या बढ़ गई है. यहां बहुत बार सायरन बजता है, बम गिरते हैं. लेकिन, इजराइल का सुरक्षा सिस्टम बहुत मजबूत है, मिसाइलें हवा में ही नष्ट हो जाती हैं, इसलिए थोड़ा डर कम होता है.
इजरायल में फंसे भारतीयों को लेकर यहां रह रहे उनके परिजन बेहद परेशान हैं और अपनों की सुरक्षा की कामना कर रहे हैं. मोनू सिंह के भाई धीरेन्द्र ने कहा कि इजराइल सरकार उन्हें पूरी सुरक्षा दे रही है और फिलहाल खाने-पीने की कोई समस्या नहीं है. हम उनसे रोजाना बात करते हैं लेकिन जब सायरन बजता तो हमारा दिल भी डर से कांप जाता है. भगवान से बस यहीं प्रार्थना है कि वो सुरक्षित वापस लौट आएं.
बाराबंकी जिले से करीब 500 श्रमिक इजरायल गए हैं. ये सभी भारतीय दूतावास के संपर्क बने हुए हैं. बताया जा रहा है कि युद्ध के कारण इजराइल में कई कारखाने बंद हो चुके हैं और भारतीय मजदूर फिलहाल बंकरों में दिन काट रहे हैं.