Aligarh News: यूपी के अलीगढ़ के कुख्यात डॉक्टर देवेंद्र शर्मा को बाबा की वेश भूषा में गिरफ़्तार किया गया है. आरोपी को दिल्ली क्राइम ब्रांच पुलिस ने राजस्थान के दौसा में एक आश्रम से गिरफ्तार किया गया है. जिसके बाद इस डॉक्टर को लेकर अजीबो गरीब खुलासे किए हैं. इसे भारत के कुख्तात सीरियल किलर और डॉक्टर डेथ के नाम से भी जाना जाता है. पुलिस ने उसे उस वक्त गिरफ्तार किया जब वो आश्रम में प्रवचन दे रहा था. 2023 में तिहाड़ जेल से पैरोल पर ये बाहर आया था जिसके बाद फरार हो गया था. आरोपी मानव अंगों की तस्करी और लोगों के बेरहमी से हत्या करने के आरोप में जेल में बंद था.
डॉ. देवेंद्र शर्मा (67 साल) एक समय किडनी ट्रांसप्लांट स्पेशलिस्ट था. लेकिन, जल्द ही वह मानव अंगों की तस्करी और फिर बेरहमी से हत्या करने वाले दरिंदे में तब्दील हो गया. डॉक्टर डेथ ने अपने अपराध की शुरुआत अवैध किडनी ट्रांसप्लांट रैकेट से की, लेकिन जल्द ही उसका शौक हत्या में बदल गया. महज कुछ पैसों को लिए ये लोगों की हत्या कर देता था.
ऐसे डॉ डेथ बना देवेंद्र शर्मा
देवेंद्र शर्मा का जन्म अलीगढ़ के छर्रा थाना क्षेत्र के गांव पुरैनी में एक सामान्य परिवार में हुआ था. देवेंद्र पढ़ाई में अच्छा था. जिसके बाद उसने बुलंदशहर में बहन के पास रहकर इंटर किया और फिर पटना से BAMS (आयुर्वेद चिकित्सा) की डिग्री हासिल की. 1982 में उसकी शादी हुई और वह एक सामान्य जीवन जीने लगा. उसने छर्रा में गैस एजेंसी खोली, जिसमें उसने 11 लाख रुपये का निवेश किया. लेकिन, कंपनी भाग गई और देवेंद्र का सारा पैसा डूब गया.
वित्तीय संकट से जूझते हुए देवेंद्र ने 1992 में राजस्थान का रुख किया. यहीं से उसका जीवन अपराध की ओर मुड़ गया. पैसों की जरूरत में उसने किडनी ट्रांसप्लांट का अवैध धंधा शुरू किया. 1998 से 2004 के बीच उसने 125 से अधिक अवैध किडनी ट्रांसप्लांट करवाए. इस रैकेट में वह प्रमुख भूमिका निभा रहा था. 2020 में उसे 20 दिन की पैरोल मिली, लेकिन वह सात महीने तक फरार रहा, फिर पकड़ा गया. साल 2023 में वो फिर पैरोल पर छूटा और फिर लापता हो गया. इस बार उसने साधु का वेश धारण करके एक आश्रम को अपना ठिकाना बनाया.
लोगों को मारकर मगरमच्छों को खिला देता था
देवेंद्र का हत्याओं का तरीका उतना ही खतरनाक था जितना कि उसकी मानसिकता. वह खासतौर पर टैक्सी ड्राइवरों को निशाना बनाता था. पहले वो टैक्सी बुक करता, फिर ड्राइवर की हत्या करता और शव को उत्तर प्रदेश के कासगंज जिले की हजारा नहर में फेंक देता. इस नहर में मगरमच्छों की भरमार थी, जो पल भर में शवों को चबा जाते. पुलिस को कोई सबूत नहीं मिलता और वह हर बार बच निकलता. हत्या के बाद वह टैक्सियों को ब्लैक मार्केट में बेच देता था. यह तरीका इतना कामयाब था कि लंबे समय तक पुलिस उसे पकड़ नहीं सकी.
डॉ डेथ पर दर्ज मामलों की फेहरिस्त
1994: पहला मामला थाना बरला (अलीगढ़) में हत्या के प्रयास का
1996: मथुरा में हत्या का मामला, शाहजहांपुर में लूट
2001: हरियाणा के पलवल में अपहरण, अमरोहा में फर्जी गैस एजेंसी
2002: बदरपुर और फरीदाबाद में अपहरण व हत्या
2003: पलवल में दो बार अपहरण और हत्या
2004: होडल और अतरौली में हत्या
2014: जेल से सीमेंट व्यापारी मयंक गोयल पर हमला कराने की साजिश
देवेंद्र पर कुल मिलाकर 50 से अधिक हत्याओं का आरोप है. इनमें से 8 मामलों में वह दोषी पाया गया, 7 में उम्रकैद और एक में फांसी की सजा सुनाई गई. ये फांसी की सजा गुरुग्राम में एक टैक्सी ड्राइवर की हत्या के मामले में दी गई थी.
फरार होने के बाद बना बाबा
देवेंद्र शर्मा को जब दूसरी बार पैरोल पर छोड़ा गया तो उसने अपनी नई पहचान बनाई और ‘बाबा देवगिरी’ बनकर प्रवचन देने लगा. दिल्ली पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी के लिए कई टीमें बनाईं थी जो उसे ट्रैक करने की कोशिश कर रही थीं. पुलिस ने जब उसके गिरफ़्तार किया तो किसी को यकीन भी नहीं हुआ कि वो एक सीरियल किलर है. उसके चचेरे भाई रामवीर शर्मा ने कहा कि वो जब तक गांव में था उसने कोई गलत काम नहीं किया. 33 साल से वो गांव नहीं आया. उसका घर अब खंडहर बन चुका है. उसका छोटा भाई सुरेंद्र शर्मा CISF में दरोगा है. माता-पिता की मृत्यु हो चुकी है. गांव में केवल सात बीघा पुश्तैनी जमीन बची है, जिसे देखभाल के लिए सुरेंद्र समय-समय पर आता है.