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कांग्रेस: राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी पर आरोप लगा कि वे अंता विधायक कंवर लाल मीणा को अभी तक अयोग्य घोषित नहीं करने के लिए आरएसएस और भारतीय जनता पार्टी के इशारे पर काम कर रहे

कांग्रेस ने सोमवार को राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी पर आरोप लगाया कि वे अंता विधायक कंवर लाल मीणा को अभी तक अयोग्य घोषित नहीं करने के लिए आरएसएस और भारतीय जनता पार्टी के इशारे पर काम कर रहे हैं, जिन्हें हाल ही में तीन साल की जेल की सजा सुनाई गई थी. विपक्ष के नेता टीकाराम जूली और राज्य पार्टी प्रमुख गोविंद सिंह डोटासरा के नेतृत्व में कांग्रेस के एक प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल हरिभाऊ बागडे से मुलाकात की और उनसे हस्तक्षेप करने की मांग की. साथ ही साथ एक ज्ञापन सौंपा.

टीका राम जूली ने संवाददाताओं से बात करते हुए कहा, ‘एक देश में दो कानून नहीं हो सकते. राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता 24 घंटे के भीतर रद्द कर दी गई, जबकि 19 दिन बीत चुके हैं और विधायक का भाग्य अधर में लटका हुआ है, जबकि सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने उन्हें राहत देने से इनकार कर दिया है.’

‘फाइल पर कुंडली मारकर बैठे हुए हैं विधानसभा स्पीकर’

उन्होंने कहा, ‘विधानसभा अध्यक्ष साहब इस फाइल पर कुंडली मारकर बैठे हुए हैं और उसे घुमा रहे हैं. आज तक ऐसा नहीं हुआ. ये लोग संविधान को कमजोर कर रहे हैं. संविधान को टारगेट कर रहे हैं. इनका उद्देश्य तानाशाही करना है, न कि संविधान के अनुरूप काम करना है.’ जूली ने कहा कि शीर्ष अदालत का निर्देश भी खत्म हो चुका है, जिसमें मीणा को दो सप्ताह के भीतर आत्मसमर्पण करने को कहा गया था. डोटासरा ने दावा किया कि सरकार उनकी रिहाई के लिए प्रयास कर रही है.

उन्होंने कहा, ‘अध्यक्ष संघ और बीजेपी के इशारे पर काम कर रहे हैं. कंवर लाल मीणा को अभी भी पुलिस सुरक्षा प्राप्त है, जबकि उनके खिलाफ सरकारी कर्मचारियों पर हमले समेत 27 मामले लंबित हैं.’ कांग्रेस नेताओं ने चेतावनी दी कि अगर जल्द ही कोई फैसला नहीं लिया गया तो वे आगे की कार्रवाई की घोषणा करेंगे.

बीजेपी विधायक को इस मामले में मिली है सजा

दरअसल, झालावाड़ के अकलेरा में एडिशनल डिस्ट्रिक्ट जज कोर्ट ने एक अहम फैसला सुनाया था, जिसमें उन्हें 3 साल की सजा सुनाई गई. ये मामला 14 दिसंबर 2020 का है. इस 20 साल पुराने मामले में उन्हें सरकारी अधिकारियों को धमकाने, सरकारी काम में बाधा डालने और संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का दोषी पाया गया, जिसके बाद सजा का ऐलान किया गया. इस निचले अदालत के फैसले को हाई कोर्ट ने भी बरकरार रखा था. इस केस केस में सजा होने के बाद कांग्रेस, मीणा की विधानसभा की सदस्यता को समाप्त करने की लगातार मांग कर रही है.

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