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सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर जिसमे कोर्ट की ओर से ऑपरेशन सिंदूर नाम से ट्रेडमार्क के रजिस्ट्रेशन को अनुमति न देने का निर्देश देने की मांग की गई

पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में भारतीय सेना ने हाल ही में पाकिस्तानी आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर चलाया था। भारतीय सेना ने मिसाइल हमले में 100 से ज्यादा आतंकियों को मार गिराया था। इस हमले के बाद पाकिस्तान की ओर से भारत पर बड़ी संख्या में ड्रोन और मिसाइल हमले किए गए थे जिसे भारत के सशस्त्र बलों ने डिफेंस सिस्टम की मदद से विफल कर दिया। अब दोनों देशों के बीच सीजफायर का भी ऐलान हो चुका है। वहीं, इस पूरे घटनाक्रम के बाद सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है। याचिका में मांग की गई है कि कोर्ट की ओर से ऑपरेशन सिंदूर नाम से ट्रेडमार्क के रजिस्ट्रेशन को अनुमति न देने का निर्देश देने की मांग की गई है।

क्या है पूरा मामला?

याचिका दायर करने वाले याचिकाकर्ता देव आशीष दुबे ने सुप्रीम कोर्ट से मांग की है कि ऑपरेशन सिंदूर नाम का व्यावसायिक दोहन के लिये दुरुपयोग नहीं होने देना चाहिए। याचिकाकर्ता के वकील ने कहा- ‘‘ऑपरेशन सिंदूर से देश के लोगों, देश के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वालों और बीते 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकवादी हमले में मारे गए निर्दोष लोगों की भी भावनाएं जुड़ी हैं। ऑपरेशन सिंदूर उन सैनिकों की विधवाओं के बलिदान का प्रतीक है जिन्होंने पाकिस्तान की ओर से फैलाए गए आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में अपनी जान दी है।”

5 लोगों ने किया ऑपरेशन सिंदूर के लिए आवेदन

सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई याचिका में ये भी कहा गया है कि ऑपरेशन सिंदूर नाम और शैली के तहत ट्रेडमार्क के रजिस्ट्रेशन के लिए अब तक 5 लोगों ने ट्रेडमार्क रजिस्ट्री में शिक्षा और मनोरंजन जैसी सेवाओं से संबंधित वर्ग 41 के तहत आवेदन किया है। सुप्रीम कोर्ट से मांग की गई है कि ऑपरेशन सिंदूर के तहत अभियान का व्यावसायिक दोहन के लिए दुरुपयोग नहीं करने दिया जाना चाहिए। जो केवल अपने फायदे के लिए लोगों की भावनाओं का फायदा उठाना चाहते हैं।

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