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लखनऊ: लोनी से बीजेपी के विधायक नंद किशोर गुर्जर ने पार्टी द्वारा जारी किए गए कारण बताओ नोटिस का जवाब भेज कहा क्या रामकथा का आयोजन उत्तर प्रदेश में अपराध है?

लखनऊ: लोनी से बीजेपी के विधायक नंद किशोर गुर्जर ने पार्टी द्वारा जारी किए गए कारण बताओ नोटिस का जवाब भेजा है। उन्होंने इस जवाब में स्पष्ट तौर पर कहा कि कलश यात्रा रोकने और पुलिस द्वारा की गई बर्बरता से देश-विदेश के करोड़ों हिंदुओं में आक्रोश है। क्या क्या रामकथा का आयोजन उत्तर प्रदेश में अपराध है? उन्होंने लिखा कि मैंने दिन-रात पार्टी के लिए परिश्रम किया है। मैं भाजपा का अनुशासित एवं समर्पित कार्यकर्ता हूँ. भाजपा मेरे लिए प्राणों के समान है। बता दें कि लोनी में राम कलश यात्रा को पुलिस ने रोकने की कोशिश की थी। इस दौरान पुलिस और नंद किशोर गुर्जर समर्थकों के बीच धक्कामुक्की हुई। नंद किशोर गुर्जर के कुर्ते भी फट गए थे। विधायक ने दावा किया कि लोनी के उपजिलाधिकारी की अनुमति के लिए आवेदन दिया गया था। गुर्जर ने कहा कि राम कलश यात्रा पारंपरिक है और इस वर्ष से पहले कभी भी आयोजकों ने इसकी अनुमति नहीं ली।  नंद किशोर गुर्जर ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में आरोप लगाया कि अधिकारी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को गुमराह कर सरकारी खजाने को लूट रहे हैं। मुख्य सचिव ने तंत्र-मंत्र कर महाराज जी (योगी आदित्यनाथ) का दिमाग बांध दिया है। मुख्य सचिव दुनिया के सबसे भ्रष्ट अधिकारी हैं। इसके बाद पार्टी की ओर से उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था।

भाजपा मेरे लिए प्राणों के समान 

इस नोटिस के जवाब में नंद किशोर गुर्जर ने लिखा-मैं 1989 से संघ का स्वयंसेवक हूं। मैं छात्रसंघ अध्यक्ष, युवा मोर्चा की राष्ट्रीय टीम, किसान मोर्चा की राष्ट्रीय टीम, क्षेत्रीय समिति का सदस्य, गाजियाबाद का जिला अध्यक्ष और बागपत जिले का प्रभारी रहा हूं। इस दौरान मैंने दिन-रात पार्टी के लिए परिश्रम किया है। मेरा प्रत्येक वक्तव्य और कृत्य राष्ट्रधर्म, गौ रक्षा, हिंदुत्व और सांस्कृतिक मूल्यों की स्थापना के प्रति समर्पित रहा है। मैं भाजपा का अनुशासित एवं समर्पित कार्यकर्ता हूं। भाजपा मेरे लिए प्राणों के समान है। इसी विचारधारा के अनुरूप, वर्ष 2010 से (बसपा शासनकाल) से रामकथा का आयोजन हो रहा है, जो पूज्य अतुल कृष्ण भारद्वाज जी (संघ के पूर्व प्रचारक एवं वरिष्ठ कार्यकर्ता) द्वारा किया जाता है। वे तीन दशकों से राम-नाम के द्वारा हिंदू समाज को जागृत कर रहे हैं। इसी परंपरा के अंतर्गत दिनांक 20/03/2024 को रामकथा की कलश यात्रा प्रारंभ हुई। यात्रा के दौरान मेरे सिर पर हिंदुओं के सबसे पवित्रतम ग्रंथ श्री रामचरितमानस था, इसके बावजूद पुलिस ने बर्बरता की सारी हदें पार करते हुए लाठीचार्ज किया। इस दौरान महिलाओं के वस्त्र फट गए, कलश टूट गए, और मेरे साथ ऐसी अभद्रता हुई कि मेरे कपड़े भी फट गए और मैं जमीन पर गिर पड़ा। जिसमें दर्जनों भाई-बहनों के चोट आई, जिनकी एमएलसी भी बनी है। लेकिन मैंने अपनी जान की परवाह किए बिना, नशे में धुत पुलिस अधिकारी द्वारा पवित्र रामचरितमानस को छीनकर फाड़ने की कोशिश से इसे बचाया।

पुलिस की बर्बरता से करोड़ों हिंदुओं में आक्रोश

उन्होंने आगे लिखा-‘ मैंने हाथ जोड़कर सभी से शांति की अपील की, अन्यथा 11 हजार कलश लेकर चल रही माताएं-बहनें और हजारों पुरुष आक्रोशित थे, जिससे बड़ा टकराव हो सकता था। लेकिन भगवान की कृपा से मैंने स्थिति को सँभाला और यात्रा पूरी करवाई, कलश यात्रा पर हर धर्म और जाति के लोगों ने हर वर्ष की भांति पुष्प वर्षा की। बसपा, सपा और पिछले वर्ष तक मेरी भाजपा सरकार में भी कभी कलश यात्रा की अनुमति लेने की आवश्यकता नहीं पड़ी। किंतु इस बार यात्रा रोकने और पुलिस द्वारा की गई बर्बरता से देश-विदेश के करोड़ों हिंदुओं में आक्रोश है। लखनऊ के एक आईपीएस अधिकारी ने मुझे सूचना दी थी कि पुलिस कलश यात्रा को अनुमति न होने का बहाना बनाकर रोकेगी। यदि यात्रा निकालने पर जोर दिया गया तो लाठीचार्ज किया जाएगा, और यदि स्थिति बिगड़ी तो गोली मारकर मेरी हत्या कर दी जाएगी। यह पूरा षड्यंत्र एक बड़े अधिकारी द्वारा रचा गया था। मैंने एहतियात के तौर पर अनुमति पत्र प्राप्त करने के बाद ही यात्रा प्रारंभ की। बावजूद इसके, पुलिस अधिकारियों को अनुमति पत्र देने के बाद भी उन्होंने माता बहनो के साथ बर्बरता की जोकि उपवास में थी और नंगे पैर चल रही थी। मुझे पहले ही उन तीन मुस्लिम युवकों ने बता दिया था जिन्हें पुलिस ने बुलाकर यात्रा पर पथराव करने और दंगा भड़काने की योजना बनाई थी। अधिकारियों ने इन लोगों से कहा था कि छतों से पत्थर फेंक देना, जिससे बवाल होगा और पुलिस गोली चलाने का बहाना बनाकर मेरी हत्या कर देगी।’

अधिकारियों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई हो

उन्होंने आगे लिखा- मैं पूछना चाहता हूं कि यही कृत्य किसी अन्य धर्म के ग्रंथ के साथ किया जाता तो क्या होता? क्या रामकथा का आयोजन उत्तर प्रदेश में अपराध है? गाताओं-बहनों द्वारा निकाली गई इस पवित्र यात्रा में समाज के सभी वर्गों के लोग, शामिल थे। पुलिस ने उनके साथ भी अभद्रता की और ब्राह्मणों, कथा वाचकों हिंदुओं और मेरी जाति को भी अपमानजनक गालियों दी। अतः संगठन परिवार के मुखिया होने के नाते, मेरा आपसे अनुरोध है कि जिस प्रकार भगवान श्रीराम ने विश्वामित्र जी के यज्ञ की रक्षा के लिए असुरों का संहार किया था, उसी प्रकार आप हमारे रामकथा के पावन यज्ञ में विघ्न डालने वाले इन आसुरी प्रवृत्ति के अधिकारियों पर शासन से दंडात्मक कार्यवाही सुनिश्चित करें। मैं शीघ्र ही आपसे भेंट कर पूरी घटना से जुड़े प्रमाण प्रस्तुत करूंगा, ताकि स्पष्ट हो सके कि कुछ अधिकारी दुनिया के सबसे लोकप्रिय नेता और देश के मत्तीहा प्रधानमंत्री आदरणीय नरेंद्र मोदी जी को हराने की साजिश किसके कहने पर रच रहे थे? आप स्वयं संगठन की एक जांच समिति भेजकर इस घटना की निष्पक्ष जांच कराएं, तो सब स्पष्ट हो जाएगा। मैं रामचरितमानस के अपमान से इतना आहत हूं कि जल तक ग्रहण नहीं कर रहा और नंगे पैर, फटे हुए कुर्ते में लोकतंत्र के इस चीरहरण का साक्षी हूँ। मेरा कुर्ता फटना लोकतंत्र का चीरहरण है एवं एक-एक हिंदू का कुर्ता फटा है फिर भी यदि योगी जी की सरकार में श्रीराम कथा कराना अपराध और अनुशासनहीनता है तो मुझे निर्देश देने की कृपा करें जिससे में भविष्य में श्रीराम कथा न कराने पर विचार करूं। संगठन का हर आदेश मेरे लिए सर्वोपरि है।

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