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बिहार: नीरज कुमार सिंह ने कहा कि सड़क चलने के लिए हैं, नमाज पढ़ने के लिए नहीं. विकासशील इंसान पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता देव ज्योति ने कहा इनको इस्तीफा दे देना चाहिए.

बिहार सरकार के मंत्री और बीजेपी के फायरब्रांड नेता नीरज कुमार सिंह के बयान के बाद बिहार में सियासी उफान आ गया है. दरअसल, नीरज कुमार सिंह ने नमाज पढ़ने को लेकर बयान दिया है. इसी के बाद अब उनके बयान को लेकर सियासत छिड़ गई है और हर तरफ से पलटवार किए जाने लगे हैं.

बीजेपी मंत्री ने क्या कहा?

बिहार विधानसभा में मीडिया से बातें करते हुए गुरुवार को नीरज कुमार सिंह ने कहा कि सड़क चलने के लिए हैं, नमाज पढ़ने के लिए नहीं है. यह काफी दुखद है. नमाज पढ़ने के लिए उनके पास मस्जिद है, मदरसे हैं. कहीं जगह नहीं मिले तो बड़े कब्रिस्तान है, वहां जाकर के भी नमाज पढ़ सकते हैं. कहां दिक्कत है? वक्फ का कानून आप जानते हैं. जहां चार दिन नमाज पढ़ लेंगे, वहां कहेंगे कि यह वक्फ बोर्ड की जमीन है. यह नियम गलत है, तरीका गलत है. जगह के अलावा कहीं भी नमाज नहीं होना चाहिए.

इस्तीफा देने की मांग

विकासशील इंसान पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता देव ज्योति ने आगे कहा, इनको इस्तीफा दे देना चाहिए. इस्तीफा देने के बाद उनको यह बात कहनी चाहिए. इनको महंगाई के बारे में बोलना चाहिए. कमर तोड़ महंगाई है. शिक्षा व्यवस्था, स्वास्थ्य व्यवस्था के बारे में बोलना चाहिए. साथ ही उन्होंने मंत्री से सवाल पूछते हुए कहा, विधानसभा में आप किसी चीज पर नहीं बोले, किसी बात का जवाब नहीं दिया. जनता को क्या लाभ मिलेगा उसके लिए आपने कुछ नहीं कहा. इस तरीके से हिंदू और मुसलमान करके आप राजनीति करेंगे.

नीरज कुमार सिंह ने कहा कि मेरा मानना है कि बिहार में सड़क पर नमाज कहीं भी नहीं होनी चाहिए. मुख्यमंत्री देखेंगे, विचार करेंगे. जनता आवाज उठा रही है. उन्होंने यह भी कहा कि बिहार में अपना मॉडल है. यहां सुशासन है. यहां सीएम नीतीश कुमार हैं. यहां किसी भी तरह की गड़बड़ी नहीं होने दी जाएगी. जहां तक जगराता की बात है, वह जगह पर होता है, खेत में होता है, सड़क पर कहीं नहीं होता है.

नॉन वेज को लेकर क्या कहा?

नीरज कुमार सिंह ने यह भी कहा कि अगर हिंदू समाज नॉन वेज से परहेज करता है अगर उनकी डिमांड है कि यह बंद हो, तो बंद होना चाहिए. क्योंकि लोगों को देखकर भी परेशानी होती है. पूजा पाठ में दिक्कत होती है. लोग डिमांड करते हैं तो निश्चित रूप से बंद होना चाहिए. हम इसके समर्थन में है. जहां संभव होगा वहां पर बैन लगेगा. लोगों की भावनाओं को रोका नहीं जा सकता है. करोड़ों सनातनी अगर चाहते हैं कि मांस मछली पर बैन हो तो हम भी समर्थन में हैं.

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