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14वीं सदी के एक सूफी संत और 15वीं सदी के हिंदू संत राघव चैतन्य से जुड़ी लाडले मशक दरगाह में महाशिवरात्रि पर हिंदुओं को शिवलिंग की पूजा करने की इजाजत, कर्नाटक HC का बड़ा फैसला

बेंगलुरु: कर्नाटक हाईकोर्ट ने मंगलवार को हिंदुओं को महाशिवरात्रि के दौरान अलंद में लाडले मशक दरगाह परिसर स्थित शिवलिंग की पूजा करने की अनुमति दे दी। यह निर्णय कर्नाटक वक्फ न्यायाधिकरण के पूर्व आदेश को बरकरार रखता है, जिसमें स्थल पर धार्मिक अनुष्ठानों के लिए अनुमति दी गई थी। न्यायाधिकरण के निर्देश के अनुसार, मुस्लिम समुदाय के सदस्यों को सुबह आठ बजे से दोपहर 12 बजे तक उर्स से संबंधित रस्म की खातिर अनुमति होगी। दोपहर दो बजे से शाम छह बजे के बीच हिंदू भक्तों को दरगाह परिसर में स्थित राघव चैतन्य शिवलिंग की पूजा करने की अनुमति होगी।

15 लोगों को दरगाह में पूजा की अनुमति

हाईकोर्ट ने 15 लोगों को दरगाह में पूजा करने के लिए प्रवेश की अनुमति दी है। 14वीं सदी के एक सूफी संत और 15वीं सदी के हिंदू संत राघव चैतन्य से जुड़ी यह दरगाह ऐतिहासिक रूप से साझा उपासना स्थल रही है। हालांकि, 2022 में दरगाह पर धार्मिक अधिकारों को लेकर विवाद होने पर तनाव बढ़ गया, जिससे सांप्रदायिक अशांति फैल गई।

पूरे अलंद में धारा 144 लागू

इस वर्ष किसी भी प्रकार की गड़बड़ी को रोकने के लिए जिला प्रशासन ने पूरे अलंद में सीआरपीसी की धारा 144 लागू कर दी है, जिससे लोगों के एकत्र होने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। सुरक्षा कड़ी कर दी गई है और पुलिस ने 12 जांच चौकियां स्थापित की हैं तथा निगरानी के लिए ड्रोन तैनात किए हैं।

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