बदायूं: जिले के फैजगंज बेहटा क्षेत्र में हिरासत में लिये गये एक व्यक्ति ने पुलिस चौकी के अंदर चूहे मारने वाली दवा खा ली। आनन-फानन में उसे इलाज के लिए अस्पताल भेजा गया, लेकिन उसकी मौत हो गई। मृतक के परिजन ने आरोप लगाया है कि शख्स ने पुलिस चौकी में प्रताड़ना के चलते शनिवार रात को जहर खा लिया। परिजनों ने हिरासत में लेने वाले सिपाही के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। वहीं, पुलिस व्यक्ति द्वारा चौकी परिसर में जहर खाने की घटना को सिरे से नकार रही है।
विवाद के बाद ले गई पुलिस
मृतक जगतवीर (42) की पत्नी सुशीला देवी ने बताया कि फैजगंज बेहटा के आसफपुर कस्बे के निवासी जगतवीर का शनिवार रात अपने चचेरे भाइयों से हंसी-मजाक के दौरान विवाद हो गया था। इसकी शिकायत पर पुलिस मौके पर पहुंची थी। उन्होंने बताया कि हालांकि ग्रामीणों ने आपसी समझौता करने की बात कही, लेकिन पुलिस चौकी में तैनात सिपाही अभिषेक कुमार जगतवीर को पकड़कर चौकी ले गया। सुशीला का आरोप है कि चौकी में प्रताड़ना से परेशान होकर उसके पति ने चूहे मारने वाली दवा खा ली। उसकी तबीयत बिगड़ने पर पुलिस ने मामले को दबाने की कोशिश की और परिवार को बहला कर जगतवीर को पहले आसफपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र भेजा, जहां से उसे जिला अस्पताल रेफर किया गया। उनके मुताबिक, गम्भीर हालत को देखते हुए उसे मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गयी।
इलाज के दौरान हुई मौत
वहीं अपर पुलिस अधीक्षक (देहात क्षेत्र) के. के. सरोज ने जगतवीर द्वारा पुलिस चौकी में चूहे मारने वाली दवा खाने के आरोप को गलत बताया है। उन्होंने कहा कि दो भाइयों में विवाद होने की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची थी जिसके बाद जगतवीर अपनी पत्नी के साथ पुलिस चौकी आया और वही बेहोश हो गया। सरोज ने बताया कि पुलिस ने जगतवीर को अस्पताल भेजा था, लेकिन उसकी इलाज के दौरान मौत हो गई। उन्होंने बताया कि परिजनों द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच कराई जा रही है और पोस्टमार्टम रिपोर्ट में जो भी तथ्य सामने आयेंगे, उनके आधार पर कार्रवाई की जाएगी। हालांकि मृतक के परिजन का आरोप है कि पुलिस मामले की जांच करने के बजाय उसे दबाने की कोशिश कर रही है। उनका कहना है कि पुलिस ने जगतवीर से मारपीट करने वालों को अब तक गिरफ्तार नहीं किया है।