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UP: कुशीनगर की मदनी मस्जिद पर बुलडोजर की कार्रवाई के बाद अब गोरखपुर की अबू हुरैरा मस्जिद पर विकास प्राधिकरण बुलडोजर चलाने की तैयारी, मस्जिद को ध्वस्त करने के लिए 15 दिन का समय गिया गया.

Gorakhpur: यूपी के कुशीनगर की मदनी मस्जिद पर बुलडोजर की कार्रवाई के बाद अब गोरखपुर की अबू हुरैरा मस्जिद पर विकास प्राधिकरण बुलडोजर चलाने की तैयारी कर रहा है. आरोप है कि मस्जिद को बगैर नक्शा पास कराए बनाया गया है. जीडीए की ओर से 25 फरवरी को ध्वस्तीकरण का नोटिस जारी किया गया है. ये मामला अब गोरखपुर कमिश्नर कोर्ट में चल रहा है. इसकी सुनवाई के लिए 25 फरवरी की तारीख तय की गई है.

गोरखपुर के घोष कंपनी चौक पर नगर निगम की जमीन पर साल 2024 में अवैध कब्जा हटाया गया था. जमीन पर बरसों से लोग बसे हुए थे. वहां पर एक मस्जिद को भी ध्वस्त किया गया था. बाद में उसकी आवाज में मस्जिद के ठीक दक्षिण में नगर निगम द्वारा जमीन दे दी गई थी. इसी जमीन पर पिछले साल मुतवल्ली ने मस्जिद निर्माण कराया था. गोरखपुर विकास प्राधिकरण का आरोप है कि नगर निगम द्वारा दी गई की जमीन पर मस्जिद का निर्माण कराया गया, उसका नक्शा पास नहीं कराया गया था.

गोरखपुर विकास प्राधिकरण ने भवन निर्माण को अवैध करार दिया
जीडीए ने फरवरी माह की शुरुआत में मस्जिद के मुतवल्ली को नोटिस भेजकर कार्रवाई शुरू करते हुए 15 फरवरी 2025 को मस्जिद के ध्वस्तीकरण की नोटिस जारी कर दिया. इस बीच मस्जिद के पक्षकार मंडलायुक्त कोर्ट चले गए. मण्डलायुक्त कोर्ट में अपील के बाद कोर्ट ने 25 फरवरी को अगली सुनवाई की तिथि निर्धारित की है.

गोरखपुर में घोष कंपनी चौक (चैनपुर-मेवातीपुर) के पास नगर निगम की भूमि पर पिछले साल बनी तीन मंजिला मस्जिद पर जीडीए ने बुलडोजर करवाई के लिए नोटिस जारी कर दिया है. गोरखपुर विकास प्राधिकरण ने बिना मानचित्र स्वीकृत कराए भवन निर्माण को अवैध करार दिया है.

प्राधिकरण ने शुऐब अहमद के नाम भेजा नोटिस
प्राधिकरण की ओर से 15 फरवरी को मस्जिद के दिवंगत मुतवल्ली के पुत्र शुऐब अहमद के नाम नोटिस ध्वस्तीकरण का आदेश जारी कर दिया गया है. आदेश में लिखा गया है कि 15 दिन के भीतर खुद ही अवैध निर्माण ध्वस्त कर लें, अन्यथा की दशा में प्राधिकरण ढहा देगा और ध्वस्तीकरण पर होने वाला हर्जाना भी वसूल करेगा.

नगर निगम की स्वीकृति के बाद उसकी 46 डिस्मिल 9 कड़ी भूमि पर पिछले साल मस्जिद बनाई गई थी. प्राधिकरण से जारी आदेश के मुताबिक पिछले साल क्षेत्रीय अवर अभियंता के स्थल निरीक्षण में पाया गया था कि मेवातीपुर निवासी सुहेल अहमद 60 वर्ग मीटर में भूतल, प्रथम तल का निर्माण कराते हुए दूसरे तल पर छत की तैयारी करा रहे थे. मौके पर कोई स्वीकृत मानचित्र नहीं दिखाया गया.

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