केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने मंगलवार को मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) की नियुक्ति पर सवाल उठाने को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने राजनीतिक हितों के लिए अपनी सुविधा के अनुसार संविधान को कुचला है. अब कांग्रेस के युवराज बाबा साहेब और संविधान के संस्थापक नेताओं के आदर्शों को रौंदने का दुस्साहस कर रहे हैं. राहुल गांधी का नया तमाशा सीईसी की नियुक्ति को लेकर विवाद पैदा करने की कोशिश है.
केंद्रीय मंत्री ने सवाल किया कि क्या राहुल गांधी भूल गए हैं कि कांग्रेस के शासन में चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति कैसे होती थी? कांग्रेस सरकारों ने चयन तंत्र को बेहतर बनाने के लिए कुछ क्यों नहीं किया? उन्होंने कहा कि अब जब संसद में पारित कानून के जरिए पहली बार मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति हुई है तो वे इसे बदनाम करने की कोशिशों में लगे हैं. सोमवार को हुई चयन समिति की बैठक में लोकसभा में विपक्ष के नेता के तौर पर राहुल गांधी भी मौजूद थे. हालांकि बैठक के बाद उन्होंने चयन प्रक्रिया पर सवाल उठाए.
यह अदालत के आदेशों का उल्लंघन- राहुल गांधी
प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में सोमवार शाम को आयोजित चयन समिति की बैठक के बाद ज्ञानेश कुमार को भारत के नए सीईसी के रूप में नियुक्त किया गया. इस समिति में गृह मंत्री और राहुल गांधी भी शामिल हैं. वहीं, राहुल गांधी ने इसपर अपना असहमित नोट जारी किया जिसमें उन्होंने पैरवी की थी कि अदालत की सुनवाई तक इस बैठक को टाला जाना चाहिए. साथ ही इसे अदालत के आदेशों का उल्लंघन बताया.
Congress Party crushed the Constitution at their convenience to serve their political interests. Congress never left an opportunity to ridicule and insult Baba Saheb Ambedkar, yet the Yuvraj of Congress has the audacity to take a grandstand on upholding Baba Sahebs ideals and https://t.co/iCGQAgtrQI
— Dharmendra Pradhan (@dpradhanbjp) February 18, 2025
उन्होंने कहा कि जब चयन समिति की संरचना और प्रक्रिया को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है. 48 घंटे से भी कम समय में सुनवाई होनी है, तो ऐसे समय में सीईसी की नियुक्ति का निर्णय पहले क्यों ली गई. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सरकार का यह कदम साल 2023 में आए सुप्रीम कोर्ट के आदेश की मूल भावना का घोर उल्लंघन है. वहीं, धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि कांग्रेस बाबा साहब अंबेडकर का उपहास करने और उनका अपमान करने का कोई मौका नहीं छोड़ रही है.
लोकतंत्र विरोधी और संविधान विरोधी भी है- धर्मेंद्र प्रधान
केंद्रीय मंत्री ने अपने एक्स पर लिखा, ‘यह पहली बार है कि मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति संसद में पारित कानून के जरिए की गई है. यह हमारी सरकार है जिसने मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्त की नियुक्ति के लिए एक संयुक्त प्रणाली बनाई है, जिसमें विपक्ष का नेता भी शामिल है. यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी बिना किसी नियम/कानून के उल्लंघन के भी रोने-धोने वाले बच्चों की तरह व्यवहार कर रहे हैं.’
वहीं, एक अन्य पोस्ट में उन्होंने कहा, ‘चुनाव हारने वालों द्वारा चुनावी प्रक्रिया की सत्यनिष्ठा पर सवाल उठाने की खतरनाक प्रवृत्ति के बढ़ने के बावजूद हमारी लोकतांत्रिक संस्थाओं की सत्यनिष्ठा अडिग है. यह न केवल जनादेश का अनादर है, बल्कि लोकतंत्र विरोधी और संविधान विरोधी भी है. पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार की चुनाव आयोग को “सुविधाजनक बलि का बकरा” बनाने की सख्त चेतावनी ने इन निराधार आरोपों को बढ़ावा देने वाले दुर्भावनापूर्ण एजेंडे को उजागर कर दिया है.’