Breaking News

बीजेपी नेता केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी ने BRS और कांग्रेस पार्टी पर बड़ा हमला बोला दावा किया कि BRS और कांग्रेस की राजनीतिक नजदीकियां किसी से छिपी नहीं….

बीजेपी नेता नेता और केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी ने BRS और कांग्रेस पार्टी पर बड़ा हमला बोला. उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट कर दावा किया कि BRS और कांग्रेस की राजनीतिक नजदीकियां किसी से छिपी नहीं हैं. उन्होंने कहा कि दिल्ली में क्राइम इन पार्टनर आम आदमी पार्टी के हारने के बाद अब केटीआर कांग्रेस को बीआरएस से गठबंधन करने के लिए आमंत्रित कर रहे हैं

उन्होंने आगे कहा कि दोनों पार्टियां भ्रष्टाचार, तुष्टिकरण और वंशवाद की राजनीति में लिप्त हैं और अब एक बार फिर आपसी समझौते के तहत एकजुट हो रही हैं. इस पर किशन रेड्डी ने ये भी कहा कि बीजेपी पहले से ही इस गठबंधन की आशंका जता रही थी लेकिन अब यह खुलकर सामने आ गया है.

BRS-कांग्रेस की दोस्ती किसी से नहीं छिपी

बीजेपी नेता ने आगे में लिखा कि बीआरएस प्रमुख के. चंद्रशेखर राव ने कांग्रेस के साथ मिलकर अपनी राजनीतिक यात्रा शुरू की थी. साल 2004 के चुनाव में उन्होंने कांग्रेस के साथ गठबंधन किया और यूपीए सरकार में मंत्री भी बने. इतना ही नहीं, 2014 में तेलंगाना गठन के समय उन्होंने अपनी पार्टी को कांग्रेस में विलय करने की बात भी कही थी. किशन रेड्डी ने कहा कि बीआरएस और कांग्रेस शुरू से ही एक-दूसरे के पूरक रहे हैं, और अब जब तेलंगाना में बीआरएस का राजनीतिक भविष्य खतरे में दिख रहा है, तो वे फिर से साथ आ रहे हैं.

AIMIM है कांग्रेस-BRS के गठबंधन का सूत्रधार

किशन रेड्डी ने आरोप लगाया कि ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) कांग्रेस और बीआरएस के बीच गठबंधन का सूत्रधार बना हुआ है. उन्होंने कहा कि यूनिफॉर्म सिविल कोड के विरोध का फैसला भी इसी गठबंधन का नतीजा था. इसके अलावा, किशन रेड्डी ने कहा कि बीआरएस ने राष्ट्रपति चुनाव में द्रौपदी मुर्मू का समर्थन करने की बजाय कांग्रेस उम्मीदवार को समर्थन दिया था. इससे यह साफ हो जाता है कि दोनों पार्टियां विचारधारा के स्तर पर एक ही हैं.

चुनावों में कांग्रेस और BRS का आपसी मेल-जोल

किशन रेड्डी ने अपनी पोस्ट में कहा कि साल 2023 के तेलंगाना विधानसभा चुनाव और 2024 के लोकसभा चुनावों में भी BRS और कांग्रेस का छिपा हुआ गठबंधन देखा गया. उन्होंने कहा कि KTR पहले ही यह संकेत दे चुके थे कि उनकी पार्टी एक बड़े गठबंधन का हिस्सा होगी, जिसका उद्देश्य बीजेपी को हराना होगा. यही विचार कांग्रेस के नेता भी दोहरा रहे थे, जिससे यह साफ हो जाता है कि बीआरएस और कांग्रेस का असली मकसद केवल बीजेपी को रोकना है, न कि जनता के विकास के लिए काम करना.

BRS और कांग्रेस के विधायकों की अदला-बदली

किशन रेड्डी ने कहा कि तेलंगाना में बीआरएस और कांग्रेस के विधायकों का एक-दूसरे की पार्टियों में जाना कोई नई बात नहीं है. पहले कांग्रेस के विधायक बिना इस्तीफा दिए बीआरएस में शामिल होते थे और अब बीआरएस के विधायक कांग्रेस में बिना इस्तीफा दिए चले जा रहे हैं. इससे यह साफ है कि दोनों पार्टियों की विचारधारा में कोई अंतर नहीं है और वे सिर्फ सत्ता के लिए एक-दूसरे के साथ आते-जाते रहते हैं.

कांग्रेस और BRS एक ही सिक्के के दो पहलू

किशन रेड्डी ने अपनी पोस्ट में कहा कि बीजेपी हमेशा से कांग्रेस और बीआरएस की दोस्ती के बारे में बताती रहती है. उन्होंने कहा कि जब दिल्ली में आम आदमी पार्टी (AAP) की सरकार को बचाने के लिए वोटिंग हुई, तब भी बीआरएस ने कांग्रेस और आप के पक्ष में मतदान किया, जबकि अन्य गैर-एनडीए क्षेत्रीय दलों ने राष्ट्रीय हित में बीजेपी का समर्थन किया. किशन रेड्डी ने कहा कि अब यह साफ हो गया है कि कांग्रेस और बीआरएस एक ही सिक्के के दो पहलू हैं और उनकी राजनीति केवल भ्रष्टाचार, तुष्टिकरण और सत्ता की भूख तक सीमित है.

About admin

admin

Check Also

Maha Kumbh 2025: महाशिवरात्रि के अवसर पर संगम में स्नान करने आने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं की सुरक्षा और स्वास्थ्य को देखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने मेडिकल सुविधाओं को और मजबूत किया, स्वास्थ्य सुविधाओं में हुआ बड़ा बदलाव

Maha Kumbh 2025 News: महाशिवरात्रि के अवसर पर संगम में स्नान करने आने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *