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Vaishno Devi Katra:भक्तों के लिए अहम खबर 72 घंटे तक कटरा बंद,श्रद्धालुओं को न घोड़ा मिलेगा न पालकी,अखिर क्या है वजह?

अगर आप अभी माता वैष्णो देवी के दर्शन करने जा रहे हैं तो जरा ठहर जाएं. अभी कटरा का माहौल ठीक नहीं है. अगर आप वहां माता का दर्शन करने पहुंचते हैं तो आपको पग-पग परेशानियां ही मिलेंगी.

जी हां, इसकी वजह है रोपवे प्रोजेक्ट को लेकर लोकल और श्राइन बोर्ड आमने-सामने है. वैष्णो देवी रोपवे प्रोजेक्ट के विरोध में माता वैष्णो देवी संघर्ष समिति ने बुधवार से कटरा बंद का ऐलान किया है. समिति ताराकोट रोपवे परियोजना का विरोध कर रही है. अभी कटरा में माहौल गरम है. पुलिस और प्रदर्शनकारी आमने-सामने आ गए हैं. पुलिस ने कई प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया है.

दरअसल, वैष्णो देवी मंदिर के आधार शिविर कटरा में ताराकोट मार्ग को सांझी छत से जोड़ने वाली 250 करोड़ रुपये की प्रस्तावित रोपवे परियोजना के विरोध में आज से 72 घंटे का बंद है. इसका मतलब है कि दुकानें बंद हैं. बाजार बंद हैं. आज स्थानीय लोग, दुकानदारों, मजदूरों और पिट्ठू तथा पालकी संचालकों ने प्रदर्शन किया. प्रदर्शन इतना जबरदस्त था कि पुलिस को लाठीचार्ज करनी पड़ी. इसके बाद प्रदर्शनकारियों को पुलिस वैन में बिठाकर हिरासत में लिया गया. फिलहाल, प्रदर्शनकारियों का रोष सातवें आसमान पर है. वह इस बंद को खत्म करने के मूड में नहीं दिख रहे हैं. ये सभी रोपवे प्रोजेक्ट का विरोध कर रहे हैं. उनका कहना है कि इससे उनकी रोजी-रोटी पर बुरा असर पड़ेगा.

क्यों गुस्से में हैं लोकल
ताराकोट मार्ग जम्मू कश्मीर के रियासी जिले में स्थित गुफा मंदिर की ओर जाता है. रोपवे से स्थानीय व्यापारियों की आजीविका नष्ट होने की आशंका व्यक्त करते हुए दुकानदारों, टट्टू संचालकों और पालकी मालिकों का प्रतिनिधित्व करने का दावा करने वाली ‘माता वैष्णो देवी संघर्ष समिति’ ने आज यानी बुधवार को शहर में विरोध मार्च का नेतृत्व किया और मांग की कि इस परियोजना को रद्द कर दिया जाए.

क्यों कर रहे प्रदर्शन
परियोजना का विरोध कर रहे लोगों का दावा है कि रोपवे कटरा के बाजार को बायपास कर देगा, जिससे तीर्थयात्रियों के आवागमन पर निर्भर हजारों दुकानदारों पर असर पड़ सकता है. उनका मानना है कि रोपवे शुरू होने से उनकी रोजी-रोटी को खतरा हो सकता है. इससे पहले 15 दिसंबर को सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने कटरा के मुख्य बाजार में मार्च निकाला था और रोपवे परियोजना की स्थापना के लिए मंदिर बोर्ड के खिलाफ नारे लगाए थे. प्रदर्शनकारी रोपवे परियोजना को लेकर पिछले महीने पुलिस के साथ झड़प के बाद गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों की रिहाई की मांग कर रहे थे.

श्राइन बोर्ड ने क्यों लिया फैसला
पिछले महीने श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने गुफा मंदिर तक 13 किलोमीटर लंबे रास्ते पर चढ़ने में कठिनाई महसूस करने वाले सीनियर नागरिकों, बच्चों और अन्य लोगों के लिए मंदिर तक पहुंच को सुगम बनाने के लिए रोपवे स्थापित करने का निर्णय लिया था. रोपवे परियोजना के विरोध में समिति ने विभिन्न संगठनों के सहयोग से शालीमार पार्क से एक बड़ी रैली निकाली. हाथों में तख्तियां लिए और काली पट्टियां बांधे प्रदर्शनकारियों ने मंदिर बोर्ड और परियोजना के खिलाफ नारे लगाए. पिछले महीने तब विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया था जब दुकानदारों, मजदूरों और पिट्ठू तथा पालकी संचालकों ने रोपवे परियोजना को आगे बढ़ाने के मंदिर बोर्ड के फैसले के खिलाफ चार दिवसीय प्रदर्शन किया था. वैष्णो देवी ट्रेक मजदूर यूनियन के अध्यक्ष भूपिंदर सिंह जामवाल ने कभी 18 दिसंबर को बंद की घोषणा की थी. उन्होंने कहा था कि समिति के पांच सदस्य भूख हड़ताल पर बैठेंगे.

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ARYAN CHAUDHRI
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