MP: इंदौर के कलेक्टर आशीष सिंह ने सुदामा नगर में संचालित होने वाले यशलोक अस्पताल का रजिस्ट्रेशन निरस्त करते हुए उसे बंद करने के आदेश जारी कर दिए हैं. अस्पताल के खिलाफ कई गंभीर शिकायत जनसुनवाई के दौरान मिली थी. एक महिला की मौत का आरोप भी अस्पताल प्रशासन पर लगा था. इसके बाद कलेक्टर कड़े कदम उठाए हैं.
इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह ने बताया कि यह श्लोक अस्पताल में मैटरनिटी और लेबर रूम की सेवाएं बिना पात्रता के प्रदान की जा रही थी. अस्पताल के पास इस प्रकार की सेवाएं देने की वैध अनुमति नहीं थी.इसके बावजूद अस्पताल प्रशासन द्वारा डिलीवरी करवाई जा रही थी.
मध्य प्रदेश नर्सिंग होम अधिनियम के तहत रिकॉर्ड का संधारण भी सही तरीके से नहीं किया जा रहा था. इसी के चलते अस्पताल प्रशासन से स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के माध्यम से स्पष्टीकरण मांगा गया था. कलेक्टर के आदेश के बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम ने जांच भी की थी. कलेक्टर ने नियमों का उल्लंघन करने पर अस्पताल का रजिस्ट्रेशन निरस्त कर दिया है. इसके अलावा अस्पताल को बंद करने के आदेश भी दिए गए हैं. बताया जाता है कि कलेक्टर आशीष सिंह के पास कुछ लोगों ने अस्पताल के संबंध में शिकायत की थी. यह भी कहा गया था कि अस्पताल की लापरवाही से एक महिला की मौत हो गई थी.
निजी अस्पतालों पर कलेक्टर की नजर
इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह ने बताया कि और भी निजी अस्पतालों को लेकर नजर रखी जा रही है. जहां भी नियम विरुद्ध कार्य होगा, वहां अस्पताल का पंजीयन तुरंत निरस्त किया जाएगा. उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सेवाएं काफी गंभीर विषय है. यदि त्रुटि पूर्ण स्वस्थ व्यवस्थाएं किसी भी अस्पताल की पाई गई तो कार्रवाई होगी. जिला प्रशासन द्वारा सतत नजर रखी जा रही है.