Ashok Tanwar Joins Congress: हरियाणा विधानसभा चुनाव प्रचार के आखिरी दिन बीजेपी को बड़ा झटका लगा है. बड़े दलित नेताओं में शुमार अशोक तंवर ने आज (गुरुवार, 3 अक्टूबर) कांग्रेस में वापसी की. तंवर के इस कदम से कांग्रेस उत्साहित है।
दिलचस्प है कि अशोक तंवर गुरुवार की दोपहर एक बजे तक बीजेपी के लिए प्रचार कर रहे थे. तंवर ने करीब तीन बजे महेंद्रगढ़ में राहुल गांधी की रैली में हाथ थामा.
कांग्रेस ने क्या कहा?
हरियाणा कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अशोक तंवर के कांग्रेस में आने पर पार्टी ने कहा, ”कांग्रेस ने लगातार शोषितों, वंचितों के हक़ की आवाज़ उठाई है और संविधान की रक्षा के लिए पूरी ईमानदारी से लड़ाई लड़ी है.”
अशोक तंवर ने कहा, ”हमारे इस संघर्ष और समर्पण से प्रभावित होकर आज BJP के वरिष्ठ नेता, पूर्व सांसद, हरियाणा में BJP की कैंपेन कमेटी के सदस्य और स्टार प्रचारक अशोक तंवर कांग्रेस में शामिल हो गए. दलितों के हक़ की लड़ाई को आपके आने से और मजबूती मिलेगी. कांग्रेस परिवार में आपका पुनः स्वागत है, भविष्य के लिए शुभकामनाएं.”
अशोक तंवर बीजेपी के टिकट पर लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की दलित नेता कुमारी सैलजा के खिलाफ मैदान में उतरे थे. इस चुनाव में तंवर को हार का सामना करना पड़ा. वो लोकसभा चुनाव से ठीक पहले बीजेपी में शामिल हुए थे.
तंवर ने अक्टूबर 2019 में कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था. इसके बाद उन्होंने नई पार्टी बनाई. बाद में वो टीएमसी और आप से भी जुड़े.
हरियाणा चुनाव से ठीक पहले बीजेपी के नेता अशोक तंवर एक बार फिर कांग्रेस में शामिल हो गए हैं. वो टीएमसपी और आम आदमी पार्टी में भी रह चुके हैं. लोकसभा चुनाव में सिरसा से कुमारी सैलजा को चुनौती थी लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा. सूत्रों के मुताबिक, अशोक तंवर विधानसभा चुनाव लड़ना चाहते थे. लेकिन बीजेपी ने उन्हें टिकट नहीं दिया. इस बात से अशोक तंवर नाराज थे. पार्टी से कई बड़े नेताओं से मुलाकात कर उन्होंने इच्छा जताई थी कि उन्हें टिकट दिया जाए लेकिन ऐसा नहीं हो पाया
लोकसभा चुनाव से पहले अशोक तंवर बीजेपी में शामिल हुए थे. उनके बीजेपी में शामिल होना बीजेपी के लिए बड़ी सफलता मानी गई क्योंकि तंवर हरियाणा में बड़ा दलित चेहरा हैं. बीजेपी अशोक तंवब के जरिए कांग्रेस पर ‘दलित विरोधी’ होने का भी आरोप लगाती रही. लेकिन अब कांग्रेस ने फिर से उन्हें पार्टी में शामिल करार बीजेपी को बड़ा झटका दिया है.
दलित वोटर्स को कांग्रेस ने दिया संदेश?
लोकसभा चुनाव में कुमारी सैलजा ने अशोक तंवर को 2,38,497 वोट से हराया था. अप्रैल 2022 में कांग्रेस छोड़कर वो AAP में शामिल हुए थे. जनवरी 2024 में आप छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए. कांग्रेस ने अब एक तीर से कई निशाना साधा है. बीजेपी की नजर विधानसभा चुनाव में दलित वोटर्स पर थी. तंवर को पार्टी में शामिल कराकर कांग्रेस ने दलितों को संदेश देने की कोशिश की है.
हरियाणा विधानसभा चुनाव में दुष्यंत चौटाला ने चंद्रशेखर आजाद के साथ गठबंधन कर दलित वोटर्स को साधने की कोशिश की है. कांग्रेस को इस बात की चिंता थी कि कहीं दलित वोटर्स उनसे खिसक न जाएं. क्योंकि बीजेपी ने चुनावी मौसम में कुमारी सैलजा के बहाने कांग्रेस पर चौतरफा हमले शुरू कर दिए थे. बीजेपी आरोप लगा रही है कि दलित होने की वजह से कुमारी सैलजा को कांग्रेस में उचित सम्मान नहीं मिल रहा है
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