CJI ने इस मामले में अटॉर्नी जनरल (AG) आर वेंकटरमणि और सॉलिसिटर जनरल (SG) तुषार मेहता से भी मदद मांगी है। कोर्ट ने यह भी कहा कि वह कुछ बेसिक गाइडलाइन जारी कर सकता है।
इधर, वीडियो क्लिप वायरल होने के बाद कर्नाटक HC ने कार्यवाही की लाइव स्ट्रीमिंग के गलत इस्तेमाल के खिलाफ चेतावनी जारी कर दी है। डिस्क्लेमर में कहा गया है कि कोई भी कार्यवाही की रिकॉर्डिंग नहीं करेगा।
जस्टिस श्रीशानंद ने महिला वकील पर भी आपत्तिजनक कमेंट किया जस्टिस श्रीशानंद के दो वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए थे। एक वीडियो में वह पश्चिमी बेंगलुरु के एक मुस्लिम इलाके को पाकिस्तान कहते दिखे। जबकि दूसरे वीडियो में वे एक महिला वकील को फटकार लगाते नजर आ रहे हैं। जस्टिस श्रीशानंद ने महिला वकील से कहा कि वह विपक्षी पक्ष के बारे में बहुत कुछ जानती हैं। हो सकता है अगली बार वे उसके अंडरगारमेंट का रंग भी बता दें।
अब से कर्नाटक की लाइव स्ट्रीमिंग रिकॉर्ड करने परमिशन जरूरी
यूट्यूब चैनल से वीडियो क्लिप वायरल होने के एक दिन बाद कर्नाटक HC ने अपनी अदालती कार्यवाही की लाइव स्ट्रीमिंग शुरू करने से आधा घंटे पहले एक डिस्क्लेमर दिया। जिसमें बिना परमिशन वीडियो रिकॉर्ड करने पर रोक लगा दी गई है। आदेश का उल्लंघन करने वालों पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
मैसेज में कहा गया है- कोई भी व्यक्ति, संस्था, प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म लाइव-स्ट्रीम की गई कार्यवाही को रिकॉर्ड, शेयर या पब्लिश नहीं करेगा। इसके लिए पहले से परमिशन लेनी होगी।