समाजवादी पार्टी (सपा) के एक प्रतिनिधिमंडल ने साल 1975 में कांग्रेस शासन के दौरान लगाए गए आपातकाल (इमरजेंसी) पर आधारित कंगना रनौत अभिनीत फिल्म ‘इमरजेंसी’ देखी. प्रतिनिधिमंडल ने फिल्म पर असंतोष व्यक्त करते हुए कहा कि यह समाजवादी आंदोलन के संघर्षों को दिखाने में विफल रही.
‘इमरजेंसी’ का निर्देशन और सह-निर्माण कंगना रनौत ने किया है. उन्होंने फिल्म में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की भूमिका निभाई है. फिल्म शुक्रवार को सिनेमाघरों में रिलीज हुई.
आंदोलन के संघर्षों को दिखाने में विफल
राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता अभिनेत्री कंगना रनौत हिमाचल प्रदेश के मंडी से बीजेपी की लोकसभा सदस्य भी हैं. फिल्म पर असंतोष जताते हुए सपा के वरिष्ठ नेता और विधान परिषद के सदस्य राजेंद्र चौधरी ने कहा कि यह समाजवादी आंदोलन के संघर्षों को दिखाने में विफल रही. राजेंद्र चौधरी ने कहा कि मैं सत्तारूढ़ पार्टी से कहना चाहूंगा कि वे यह फिल्म देखें. उन्हें देखना चाहिए कि सत्ता का दुरुपयोग क्या कर सकता है.
लोकतंत्र का सम्मान करना चाहिए
उन्होंने कहा कि आज जो लोग सत्ता में हैं, उन्हें यह नहीं भूलना चाहिए कि सत्ता बदलती रहती है. लोकतंत्र का सम्मान करना चाहिए और जो सत्ता उन्हें मिली है, उसका दुरुपयोग करना बंद करना चाहिए. उन्होंने कहा कि देश की आजादी और फिर आपातकाल के दौरान लड़ाई लड़ने वालों का सम्मान किया जाना चाहिए. देश उन लोगों को कभी नहीं भूलेगा, जिन्होंने सत्ता का मनमाना दुरुपयोग किया.
मैं फिल्म से पूरी तरह सहमत नहीं
फिल्म को लेकर सपा नेता ने कहा कि मैं फिल्म से पूरी तरह सहमत नहीं हूं, लेकिन मैं यह जरूर मानता हूं कि देश ने आपातकाल का सामना किया था, लोगों पर अत्याचार हुए थे, लोगों को जेल में डाला गया था. उन्होंने कहा कि मैं खुद भी जेल में था. मैं कहता हूं कि यह घोषित आपातकाल था, लेकिन कभी-कभी अघोषित आपातकाल में भी ऐसी चीजें हो जाती हैं और हमें इससे बचना चाहिए. प्रतिनिधिमंडल में सपा प्रवक्ता फखरुल हसन चांद, आशुतोष वर्मा, जूही सिंह, पूर्व नगर उपाध्यक्ष नवीन धवन, मधुकर, दद्दन खान, ज्ञानेश्वर प्रसाद पांडे, देवेन्द्र सिंह यादव ‘जीतू’ शामिल थे.