दुनियाभर में भारत का डेलीगेशन पाकिस्तान की पोल खोल रहा है। इस बीच सऊदी अरब के रियाद में AIMIM प्रमुख और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, “26/11 के बाद, तत्कालीन प्रधानमंत्री स्वर्गीय डॉ. मनमोहन सिंह के नेतृत्व में मेरी सरकार, भारतीय जांचकर्ता पाकिस्तान गए, उन्हें सारे सबूत दिए, लेकिन आपको जानकर आश्चर्य होगा कि कुछ भी आगे नहीं बढ़ा। पाकिस्तान को इस आतंकवादी मुकदमे में आगे बढ़ने के लिए तब मजबूर होना पड़ा जब पाकिस्तान को FATF की ग्रे लिस्ट में डाल दिया गया। जर्मनी में एक बैठक हुई और भारत चाहता था कि साजिद मीर पर अभियोग लगाया जाए, लेकिन पाकिस्तान ने कहा कि वह मर चुका है। पाकिस्तान FATF की समिति के सामने आया और कहा कि साजिद मीर जीवित है। क्या आप कल्पना कर सकते हैं कि जो देश कह रहा था कि वह मर चुका है, अचानक वह जीवित हो गया? और फिर पाकिस्तानी सरकार ने कहा कि हमारी अदालतों ने उसे 5 से 10 साल की सजा सुनाई है, लेकिन 26/11 के मुख्य अपराधी अभी भी बेखौफ हैं। उन्हें आतंकवाद के लिए नहीं, बल्कि मनी लॉन्ड्रिंग के लिए दोषी ठहराया गया था।”
ओवैसी ने पाकिस्तान पर साधा निशाना
AIMIM प्रमुख और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, “भारतीय न्याय व्यवस्था ने कानून की सभी उचित प्रक्रियाओं का पालन किया और अजमल कसाब को मौत की सजा सुनाई गई, और उसने कई बातें बताईं। हमारी एजेंसियां उन ऑडियो वार्तालापों को रिकॉर्ड करने में सक्षम थीं, जिसमें पाकिस्तान में बैठे आतंकवादी समूह, उन आतंकवादियों के साथ बात कर रहे थे जो पांच सितारा होटलों में भारतीयों की हत्या कर रहे थे, और उन वार्तालापों में उन्हें स्पष्ट रूप से कहा गया था कि हिम्मत मत हारो, जितने भारतीयों को मार सकते हो मारो, और तुम जन्नत जाओगे। यह वह बातचीत थी जो रिकॉर्ड की गई थी।”
असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, “पाकिस्तान को FATF की ग्रे लिस्ट में वापस लाया जाना चाहिए। तभी हम इन सभी आतंकवादी संगठनों के आतंकी वित्तपोषण को नियंत्रित कर पाएंगे। जब इस व्यक्ति (असीम मुनीर) को पाकिस्तान में फील्ड मार्शल बनाया गया था, तब मोहम्मद एहसान नामक एक अमेरिकी आतंकवादी फील्ड मार्शल के ठीक बगल में बैठा था। इस फील्ड मार्शल के साथ हाथ मिलाते हुए उसकी तस्वीरें हैं। पाकिस्तान की संलिप्तता के स्पष्ट सबूत हैं। ये आतंकवादी समूह वहां फल-फूल रहे हैं, उन्हें वहीं प्रशिक्षित किया जा रहा है, और पूरा काम भारत को अस्थिर करना है ताकि भारत में और अधिक हिंदू मुस्लिम दंगे करवाए जा सकें।”
ओवैसी बोले- हम पाकिस्तान में किससे बात करें
ओवैसी ने कहा, “पठानकोट की घटना मेरे प्रधानमंत्री के बिन बुलाए पाकिस्तान जाने के बाद हुई, और मैं इसे रिकॉर्ड में रखना चाहता हूं, मैं ही वह व्यक्ति था जिसने उनके वहां जाने की आलोचना की थी। कई विपक्षी दलों ने आलोचना की कि मेरे प्रधानमंत्री अफगानिस्तान से बिन बुलाए नवाज शरीफ के घर क्यों गए। हमारे एयरबेस पर हमला हुआ, और हमने वहां कई कर्मियों को खो दिया। प्रधानमंत्री ने कहा कि पाकिस्तान सबूत चाहता है; आप (पाकिस्तान) अपनी टीम भेजें। क्या आप कल्पना कर सकते हैं कि कोई देश किसी पड़ोसी देश की जासूसी एजेंसी को आमंत्रित करे? उन्हें आमंत्रित किया गया, उन्हें सभी रिकॉर्ड दिए गए, लेकिन कुछ भी नहीं हुआ, कुछ भी नहीं हुआ। अगर सवाल यह है – हम पाकिस्तान से बात क्यों नहीं करते, तो हम पाकिस्तान में किससे बात करें?