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विधानसभा चुनाव के सियासत के बीच जेएमएम ने आधी रात को ऑपरेशन हेमंत सोरेन चला करीब आधा दर्जन दिग्गज बीजेपी नेताओं को पार्टी में शामिल कराया

विधानसभा चुनाव के दंगल के बीच झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) ने आधी रात को ऑपरेशन हेमंत सोरेन चलाया. इस ऑपरेशन के तहत करीब आधा दर्जन दिग्गज बीजेपी नेताओं को पार्टी में शामिल कराया गया है. इनमें बरेहट विधानसभा सीट से हेमंत सोरेन के खिलाफ बीजेपी के संभावित उम्मीदवार लुईस मरांडी का भी नाम शामिल हैं.

लुईस मरांडी को बीजेपी ने हेमंत सोरेन की बरेहट सीट से चुनाव लड़ने के लिए कहा था, लेकिन उन्होंने जेएमएम का दामन थाम लिया. लुईस मरांडी दुमका सीट से चुनाव लड़ना चाहती थीं. यहां से बीजेपी ने सुनील सोरेन को मैदान में उतारा है.

इन नेताओं ने थामा जेएमएम का दामन

लुईस मरांडी के अलावा सरायकेला से बीजेपी के पूर्व उम्मीदवार गणेश महली, बहरगोड़ा से पूर्व उम्मीदवार कुणाल षाडंगी, बास्को बेहरा, बारी मुर्मू और लक्ष्मण टुडू का नाम प्रमुख हैं. सारठ के पूर्व विधायक चुन्ना सिंह के भी पार्टी में शामिल होने की खबर है. चुन्ना सिंह टिकट न मिलने से नाराज चल रहे हैं.

 

इसे ऑपरेशन हेमंत दिया गया नाम

सूत्रों के मुताबिक बीजेपी नेताओं को झारखंड मुक्ति मोर्चा में शामिल कराने की इस पूरी कवायद को ऑपरेशन हेमंत नाम दिया गया है. जेएमएम इस चुनाव में हेमंत दुबारा के नारे पर आगे बढ़ रही है. पार्टी पूरे चुनाव में साइकोलॉजिकल बढ़त लेने की कोशिश में है.

मसलन, कोल्हान में चंपई सोरेन के खिलाफ हेमंत सोरेन ने गणेश महली और बास्को बेरा को साधा है. कुणाल षाडंगी और बारी मुर्मू भी कोल्हान की है. बारी जमशेदपुर की जिला परिषद की अध्यक्ष हैं. इसी तरह सीता सोरेन के जाने से संथाल में जो महिला नेता का वैक्यूम बना था, उसे लुईस मरांडी के जरिए भरने की कोशिश की गई है.

पर्दे के पीछे से बिसात बिछा रहे हेमंत

हेमंत सोरेन ने अब तक उम्मीदवारों के नाम का ऐलान नहीं किया है, लेकिन झारखंड मुक्ति मोर्चा के कई उम्मीदवार नामांकन भी करने लगे हैं. कहा जा रहा है कि हेमंत सोरेन ने उन सभी को सिंबल दे दिया है, जिसे वे चुनाव लड़वाना चाह रहे हैं. जेएमएम सूत्रों के मुताबिक अब तक 41 नाम फाइनल कर लिए गए हैं. इनमें बरेहट से खुद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और गांडेय से उनकी पत्नी कल्पना मुर्मू का नाम शामिल हैं.

लुईस मरांडी कौन हैं?

24 साल से बीजेपी की राजनीति करने वाली लुईस मरांडी 2014 में तब सुर्खियों में आई थीं, जब मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को उन्होंने परंपरागत दुमका सीट पर पटखनी दी थी. पहली बार दुमका में लुईस की बदौलत कमल खिल पाया था. रघुबर दास की सरकार में लुईस मरांडी को मंत्री बनाया गया.

बीजेपी इस बार भी उन्हें बरेहट से उतारकर 2014 जैसा खेल करना चाह रही थी, लेकिन हेमंत ने पहले ही खेल कर दिया. बीजेपी छोड़ने के बाद लुईस ने कहा है कि मुझे चुनाव लड़ना है और हेमंत सोरेन जहां से कहेंगे, वहां से लड़ लूंगी. लुईस के दुमका या जामा से चुनाव लड़ने की चर्चा है.

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