World Highest Railway Bridge in J-K: देश को कश्मीर घाटी से रेल मार्ग से जोड़ने का सपना शुक्रवार (6 जून, 2025) को पूरा हो जाएगा, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जम्मू के कटरा से श्रीनगर के लिए रेल को हरी झंडी दिखाएंगे. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इसे पीएम मोदी की दृढ़ इच्छा शक्ति का नतीजा बताया.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शुक्रवार (6 जून) को जम्मू कश्मीर दौरे से पहले रेल मंत्री अश्विनी वैष्णो-कटरा पहुंचे. कटरा में सारी तैयारियों का जायजा लेने के बाद उन्होंने कहा कि शुक्रवार (6 जून) का दिन ऐतिहासिक है क्योंकि शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जम्मू से श्रीनगर की रेलवे लाइन को राष्ट्र को समर्पित करेंगे. उन्होंने कहा कि ऐतिहासिक और इंजीनियरिंग की दृष्टि से दो बड़े पुल चिनाब का पुल और अंजी पुल का भी लोकार्पण शुक्रवार (6 जून) को ही किया जाएगा.
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, “दशकों से यह जो बड़ा सपना था जम्मू और कश्मीर को रेलवे लाइन से जोड़ने का वह सपना पूरा होगा. इसके लिए दो वंदे भारत ट्रेन जो विशेष तौर से डिजाइन की गई है. यह दोनों ट्रेन हाई एल्टीट्यूड के हिसाब से एक विशेष तौर के डिजाइन से निर्मित की गई हैं. इन दोनों ट्रेनों का भी शुक्रवार (6 जून) को ही प्रधानमंत्री फ्लैग ऑफ करेंगे.
अश्विनी वैष्णव ने कहा, “कटरा में माता वैष्णो देवी के भक्तों को कश्मीर आने-जाने के लिए बड़ी सुविधा मिलेगी. जम्मू का स्टेशन एक अलग प्रारूप में बन रहा है. जम्मू के स्टेशन पर हाई एल्टीट्यूड पर जाने के लिए दुनिया के कई देशों में इस्तेमाल की जाने वाली ब्रिजिंग तकनीक का इस्तेमाल होगा. ब्रिजिंग का मतलब सामान्य एल्टीट्यूड आई एक गाड़ी में से हाई एल्टीट्यूड जाने का लिए दूसरी गाड़ी में बैठने वाली व्यवस्था जम्मू में होगी.”
उन्होंने कहा, “जैसा कि दुनिया के दूसरे देशों में होता है वैसे ही व्यवस्था जम्मू रेलवे स्टेशन पर हो गया. इस व्यवस्था के तहत दो प्लेटफार्म पर आमने-सामने दो गाड़ियां रहेंगे और उसका कॉरेस्पोंडेंस सीट-टू-सीट होगा.”
अश्विनी वैष्णव ने कहा, “जिस वंदे भारत को प्रधानमंत्री हरी झंडी दिखाएंगे वह श्रीनगर से जम्मू वाली वंदे भारत है. क्योंकि इस समय जम्मू रेलवे स्टेशन पर काम चल रहा है, जो सितंबर तक पूरा हो जाएगा. सितंबर में जब जम्मू रेलवे स्टेशन पर प्लेटफार्म नंबर पांच और छह तैयार हो जाएगा तब यह वंदे भारत जम्मू से श्रीनगर चलेगी. फिलहाल यह ट्रेन कटरा से श्रीनगर चलेगी.
चिनाब ब्रिज तकनीक का एक अनूठा नमूना- अश्विनी वैष्णव
रेल मंत्री ने कहा, “चिनाब का ब्रिज एक तकनीक का एक अनूठा नमूना है. इसको बनाने में कई तरह की चुनौतियां थी. अगर इस पुल के टेक्निकल पैरामीटर देखें तो इस पुल का डिजाइन 260 प्रति किलोमीटर विंड स्पीड और भूकंप झेलने के लिए जोन 5 के हिसाब से इसका डिजाइन है. एक जटिल प्रक्रिया से इस पुल को डिजाइन किया गया है. अगर इस पुल के फाउंडेशन की बात करें तो यह एक फुटबॉल फील्ड के आधे के बराबर है.” उन्होंने कहा कि इस पुल को बनाने के लिए 30,000 टन स्टील का इस्तेमाल किया गया है. यह दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे आर्च ब्रिज है.”
यात्रियों के लिए यादगार रहेगा ट्रेन से चिनाब ब्रिज का सफर
अश्विनी वैष्णव ने कहा, “हाईवे पर केबल के ब्रिज कई जगह बने हैं, लेकिन रेलवे के लिए केवल का ब्रिज पहली बार बना है. इसका कारण यह है कि रेलवे में भार या लोड बहुत होता है. हाईवे पर चलने वाली ट्रक का सामान्य लोड 40 से 50 टन होता है लेकिन ट्रेन का वजन 4,000 टन के आसपास होता है, इसलिए सामान्य तौर पर रेलवे केबल ब्रिज नहीं बनता.”
उन्होंने कहा कि यह केबल ब्रिज इसलिए बनाया गया क्योंकि पुल को समर्थन देने वाले पिलर बनाने की जगह यहां नहीं थी. यह सफर इसलिए भी यादगार है क्योंकि कटरा से बनिहाल तक का 111 किलोमीटर का सफर है, जिसमें 97 किलोमीटर का सफर टनल में से तय होगा.
पीएम मोदी की राजनीतिक इच्छाशक्ति से पूरा हो रहा सपना
रेल मंत्री ने कहा, “इस टनल को बनाने के लिए टनलिंग का एक नया तरीका ईजाद किया गया है, जिससे टनलिंग की भाषा में हिमालय टनलिंग मेथड कहा जाता है. इतने बड़े काम जब करने होते हैं तो उसके लिए राजनीतिक इच्छा शक्ति बहुत महत्वपूर्ण है. 2004 से 2014 वाला समय में काम प्लेन एरिया में हुआ, लेकिन मुश्किल इलाकों में उसे समय कोई काम हाथ में नहीं लिया गया. पम नरेन्द्र मोदी ने राजनीतिक इच्छा शक्ति दिखाई, टेक्निकल लोगों का मार्गदर्शन दिया और दृढ़ इच्छा शक्ति के साथ काम हाथ में लिया, इसलिए आज यह सपना पूरा हो रहा है.”
46,000 करोड़ से ज्यादा की परियोजनाओं का पीएम मोदी करेंगे शुभारंभ
प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि कटरा में प्रधानमंत्री 46,000 करोड़ रुपये से अधिक की कई विकास परियोजनाओं का शुभारंभ करेंगे. कटरा में ही प्रसिद्ध माता वैष्णो देवी मंदिर है. चिनाब पुल को वास्तुशिल्प की बेमिसाल कृति बताते हुए बयान में कहा गया कि यह नदी से 359 मीटर की ऊंचाई पर है. यह 1,315 मीटर लंबा ‘स्टील आर्च ब्रिज’ है, जिसे भूकंप और हवा की हर स्थिति का सामना करने की दृष्टि से तैयार किया गया है.”
बयान में कहा गया है, ‘‘पुल का एक महत्वपूर्ण प्रभाव जम्मू और श्रीनगर के बीच संपर्क को बढ़ाने में होगा. पुल पर चलने वाली वंदे भारत ट्रेन के माध्यम से कटरा और श्रीनगर के बीच यात्रा करने में केवल 3 घंटे लगेंगे, जिससे मौजूदा यात्रा का समय दो से तीन घंटे कम हो जाएगा.’’
43,780 करोड़ की लागत से USBRL परियोजना का होगा उद्घाटन
PMO के अनुसार, प्रधानमंत्री की ओर से जिन अन्य परियोजनाओं का उद्घाटन किया जाना है, उनमें 272 किलोमीटर लंबी उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक (USBRL) परियोजना है. यह लगभग 43,780 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित है और इसमें 36 सुरंगें (119 किमी तक फैली हुई) और 943 पुल हैं. यह परियोजना कश्मीर घाटी और देश के बाकी हिस्सों के बीच हर मौसम में निर्बाध रेल संपर्क स्थापित करती है, जिसका लक्ष्य क्षेत्रीय गतिशीलता के परिदृष्य को बदलना और सामाजिक-आर्थिक एकीकरण को बढ़ावा देना है.
जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में मेडिकल इंस्टीट्यूट की रखेंगे आधारशिला
प्रधानमंत्री मोदी विशेष रूप से सीमावर्ती क्षेत्रों में अंतिम छोर तक संपर्क को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न सड़क परियोजनाओं की भी आधारशिला रखेंगे और उद्घाटन करेंगे. प्रधानमंत्री कटरा में 350 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाले ‘श्री माता वैष्णो देवी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एक्सीलेंस’ की आधारशिला भी रखेंगे. इसमें कहा गया कि यह रियासी जिले का पहला मेडिकल कॉलेज होगा, जो क्षेत्र में स्वास्थ्य देखभाल के बुनियादी ढांचे में महत्वपूर्ण योगदान देगा.