मुंबईः महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है। मध्य प्रदेश की तर्ज पर महाराष्ट्र सरकार ने मुख्यमंत्री मांझी लाडकी बहिन योजना (लाडकी बहिन योजना) शुरू की है। सरकार ने इस योजना के प्रचार-प्रसार में 199,81,47,436 रुपये यानी लगभग 200 करोड़ रुपये खर्च कर दिए। इसका खुलासा सूचना के अधिकार (RTI) में हुआ है। सरकार ने सिर्फ एक योजना का प्रचार करने लिए करीब 200 करोड़ रुपये खर्च कर डाले।
सरकार ने खर्च कर दिए दो सौ करोड़ रुपये
महाराष्ट्र सरकार ने जुलाई महीने में लाडली बहिन योजना की शुरुआत की थी। इस योजना के तहत महिलाओं को प्रति महीने 1500 रुपये दिया जा रहा है, लेकिन महाराष्ट्र सरकार ने योजना के प्रमोशन के लिए मात्र चार महीने में ही 199,81,47,436 करोड़ खर्च कर दिए। महाराष्ट्र सरकार ने लाडली बहिन योजना के लिए प्रति वर्ष 46 हजार करोड़ का बजट रखा है। सरकार ने सिर्फ एक योजना के लिए चार महीने में करीब 200 करोड़ खर्च कर दिए, जोकि सवालों के घेरे में है।
आरटीआई कार्यकर्ता ने मांगी थी जानकारी
अमरावती के आरटीआई कार्यकर्ता अजय बोस ने सरकार से सूचना के अधिकार के तहत इसकी जानकारी मांगी थी। इसका जवाब सरकार ने दिया और बताया की विविध माध्यमों द्वारा सरकार ने इसके प्रचार प्रसार में 199,81,47,436 यानी लगभग 200 करोड़ रुपये खर्च किये हैं।
अजय बोस ने सरकार पर उठाया सवाल
अब इस जानकारी के बाद अजय बोस ने सरकार पर सवाल उठाया है कि अगर यह योजना इतनी लाभकारी है तो उसे इतना प्रचारित करने की जरूरत क्यों पड़ी? जनता के टैक्स के पैसे की बर्बादी सरकार ने क्यों की? ये आंकड़ा सिर्फ प्रचार प्रसार का है। वहीं सरकार ने इस योजना के लिए कई कार्यक्रम और रैलियां की हैं जिसमें करोड़ों रुपये खर्च किये हैं। अगर इसे भी जोड़ा जायेगा तो ये खर्च का कुल आंकड़ा 500 करोड़ तक पहुंच सकता है।
20 नवंबर को होगा चुनाव
बता दें कि महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव एक ही चरण में 20 नवंबर को होगा। वोटों की गिनती 23 नवंबर को होगी। महायुति और महा विकास अघाड़ी सीट बंटवारे को लेकर मंथन कर रहे हैं। सभी पार्टियां चुनाव प्रचार में जुट गई हैं।