पश्चिम बंगाल के कोलकाता में महिला डॉक्टर के साथ हुई हैवानियत पर रोष व्यक्त करते हुए देवकीनंदन महाराज ने कहा कि जिम्मेदार पदों पर जो लोग बैठे हुए हैं, वो लोग अपने प्रदेश में बेटियों और स्त्रियों की इज्जत की सुरक्षा करने में असमर्थ हैं. ऐसा करने वाले सभी लोग, जो अपराधियों को उनकी गलतियों के लिए उचित दण्ड देने से बचते हैं, उन्हें स्तीफा दे देना चाहिए. मुख्यमंत्री के लिए उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी खुद एक स्त्री हैं, उन्हें तो पता होना चाहिए कि किसी पीड़ित बेटी के मामले में कैसा व्यवहार होना चाहिए?
कनाडा से भागवत प्रवचन कर मंगलवार को स्वदेश लौटे देवकीनंदन महाराज ने प्रियाकान्तजु मंदिर पर मीडिया से बात करते हुए कहा कि राज्यपाल और राष्ट्रपति को इस मामले में कदम उठाते हुए सरकार की जवाबदेही तय करनी चाहिए. जब अस्पताल जैसी जगहों पर बेटियां सुरक्षित नहीं हैं तो आम जनता का क्या हाल होगा? उन्होंने कहा कि बंगाल में सनातनियों के साथ अच्छा नहीं हो रहा है. हम अगर बांग्लादेश से भी शिक्षा नहीं ले रहे हैं तो एक दिन हमें पक्षताना पड़ेगा.
कार्रवाई में देरी पर सवाल
देवकी नंदन महाराज ने कार्रवाई में देरी होने पर भी अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. कोलकाता मामलें में सुप्रीम कोर्ट ने माना कि पुलिस ने एफआईआर करने में देरी की है. उन्होंने कहा कि बेटियों के साथ हो रहे अत्याचारों पर एफआईआर करने में देरी क्यों होती हैं? ऐसी घटनाओं से निपटने के लिए चारित्रिक उत्थान बहुत जरूरी है.
बेटियों ने प्रवचन में पूछे तीखे सवाल
देवकी नंदन महाराज ने एक घटना का जिक्र करते हुए बताया कि कनाडा में कथा सुनने आयी एक बेटी ने उनसे सवाल पूछा कि आप यहां संस्कृति पर प्रवचन दे रहे हैं आपके भारत में बेटियों के साथ क्या हो रहा है ? देश में हो रही इस तरह की घटनाएं हमें जवाबहीन कर दे रही हैं, ऐसी परिस्थित पर हम उसे क्या जवाब दें ? जब ऐसी घटनाएं घटती हैं तो प्रदेश या मुख्यमंत्री तक ही सीमित नहीं रहतीं हैं. भारत में ऐसा क्यों हो रहा है, देश के बाहर के लोग भी पूछते हैं.
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