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गोरखपुर पुलिस ने फर्जी मार्कशीट और फिंगरप्रिंट क्लोनिंग के एक बड़े गिरोह का भंडाफोड़ कर दो आरोपियों को गिरफ्तार कर छह लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में पुलिस ने फिंगरप्रिंट के क्लोन और मार्कशीट बनाने वाले दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने इनकी निशानदेही पर अंगूठे का क्लोन बनाने वाली मशीन और अन्य सामान के साथ-साथ फर्जी मार्कशीट भी बरामद की है. पुलिस ने आरोपियों से पूछताछ के बाद कुल 6 लोगों पर कोतवाली थाने में मुकदमा दर्ज किया है. पुलिस को अन्य चार लोगों की तलाश है.

कोतवाली पुलिस ने गोलघर चौक के आसपास चल रही दुकानों पर छापेमारी की थी. फिंगरप्रिंट और फर्जी मार्कशीट बनाने वाले गिरोह का पता चला. पुलिस के मुताबिक गैंग के सभी सदस्यों का काम बटा हुआ है. जिन दो आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. उनकी दुकानों से फिंगरप्रिंट का क्लोन तैयार करने का सामान मिला है. साथ की फॉर्मेसी व स्नातक की फर्जी डिग्री भी मिली है. दोनों आरोपियों की पहचान श्याम बिहारी गुप्ता उर्फ गंगाराम बिछिया निवासी शाहपुर थाना और इमरान खान निचलौल निवासी महाराजगंज जिले के रूप में हुई है.

पुलिस पूछताछ में इन दोनों से चार अन्य लोगों का नाम बताया है. जिनकी पहचान कोतवाली थाना क्षेत्र के संदीप और ओमप्रकाश पंडित के रूप में हुई है, दो अन्य आरोपी तबरेज और जयंत कहां के रहने वाले हैं. पुलिस इसकी जांच कर रही है.

पुलिस अन्य चार लोगों की गिरफ्तारी के लिए दबिश दे रही है. पूछताछ में गिरफ्तार हुई आरोपी श्याम बिहारी उर्फ गंगाराम ने बताया कि जब कोई ग्राहक उनके पास फिंगर प्रिंट का क्लोन बनवाने आता तो वह सबसे पहले उस व्यक्ति का फिंगरप्रिंट सादे कागज पर ले लेता है, उसके बाद वह फिंगरप्रिंट को शाही मार्केट में संदीप नाम के युवक को दे देता है जो फिंगरप्रिंट को स्कैन कर पेन ड्राइव में सेव कर लेता है. उसके बाद यह पेन ड्राइव इमरान को दे दिया जाता है. इमरान ट्रेसिंग पेपर पर छपाई कर पॉलीमर मशीन से क्लोन बनाता है. जिसके बाद श्याम बिहारी 3D प्रिंट करवा कर गणेश चौराहा स्थित एक दुकान पर स्टांप तैयार कराता है.

मार्कशीट बनाने के लेते थे 10 हजार रुपए

वहीं पुलिस की पूछताछ में दूसरे आरोपी इमरान ने बताया कि वह सारी फर्जी मार्कशीट फोटोशॉप सॉफ्टवेयर की मदद से बनाता है. पुलिस को चेकिंग के दौरान इमरान के मोबाइल के व्हाट्सएप पर बातचीत की चैटिंग मिली है, जिसमें कई विश्वविद्यालय के अंक पत्र भी मिले हैं. इमरान ने पुलिस को बताया कि अंगूठे का क्लोन बनाने के लिए वह 700 से 2000 रूपये तक वसूलता था. फर्जी मार्कशीट के लिए वह लोगों से 10 से 15000 हजार रुपए लेते थे. गैंग का मास्टर माइंड इमरान ने बताया कि वह 10000 रुपए में देश के किसी भी बड़ी यूनिवर्सिटी और मेडिकल की डिग्री फोटोशॉप की मदद से बना देता था.

BMS की डिग्री फर्जी डिग्री बनाई

इमरान ने बताया कि तबरेज नाम का व्यक्ति उसे आधार कार्ड , निवास प्रमाण पत्र बनाने के लिए देता था, जिसे वह फोटो शॉप की मदद से स्कैन करके तैयार कर देता था. इमरान के मोबाइल में व्हाट्सएप पर कई नंबरों से फर्जी अंक पत्र, आधार कार्ड और अन्य दस्तावेज तैयार करने की चैटिंग मिली है. इमरान अपने परिचितों के लिए 100 रुपए में भी डिग्री तैयार कर देता था. तलाशी के दौरान पुलिस को उनके पास से मेघालय, झांसी, शिकोहाबाद विश्वविद्यालय की फर्जी मार्कशीट मिली हैं. इसके साथ ही सर्वजीत गुप्ता, शैलेंद्र कुमार, जुबेर अख्तर सहित कई लोगों के नाम पर BMS की डिग्री भी मिली है.

गैंगस्टर के तहत होगी कार्रवाई

कुछ दिन पहले अंगूठे का क्लोन बनाने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था. वीडियो में शाही मार्केट की एक दुकान में अंगूठे का क्लोन बनाया जा रहा था. सोशल मीडिया पर यह वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने कार्रवाई की है. वहीं इस मामले में क्षेत्राधिकार कोतवाली ओंकार दत्त तिवारी ने बताया कि गिरोह के अन्य आरोपियों के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है. इन आरोपियों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत करवाई करने के लिए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को इस गैंग का चार्ट बनाकर भेजा जाएगा.

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