महाराष्ट्र के गढ़चिरोली जिले में 11 नक्सलियों ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के समक्ष आत्मसमर्पण किया। इनमें प्रमुख नक्सली नेता तारक्का सिदाम भी शामिल हैं। यह समर्पण गढ़चिरोली पुलिस मुख्यालय में हुआ, जहां मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने नक्सलियों का स्वागत किया और उन्हें मुख्यधारा में लौटने के लिए प्रोत्साहित किया। इस दौरान मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि राज्य जल्द ही नक्सलवाद से मुक्त हो जाएगा। गढ़चिरौली जिले के दूरदराज इलाकों में नक्सलियों का प्रभाव कम हो रहा है।
नक्सलवाद पर क्या बोले फडणवीस?
मुख्यमंत्री ने गढ़चिरौली में संवाददाताओं से बात करते हुए कहा कि नक्सलवाद अब समाप्ति के करीब है। उन्होंने कहा कि सरकार ने माओवादियों के प्रभाव को खत्म करके गढ़चिरौली को ‘पहला जिला’ बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। गढ़चिरौली को अक्सर महाराष्ट्र का अंतिम जिला कहा जाता है, क्योंकि यह राज्य की पूर्वी सीमा पर स्थित है। फडणवीस ने विदर्भ क्षेत्र में स्थित जिले में 32 किलोमीटर लंबे गट्टा-गरदेवाडा-वांगेतुरी मार्ग और वांगेतुरी-गरदेवाडा-गट्टा-अहेरी मार्ग पर महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम (एमएसआरटीसी) की बस सेवाओं का उद्घाटन किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि गढ़चिरौली सरकार के लिए (प्राथमिकता सूची में) अंतिम नहीं, बल्कि ‘पहला जिला’ है।
गढ़चिरौली पुलिस के काम की सराहना
देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि आज जिस सड़क संपर्क का उद्घाटन किया गया है, वह महाराष्ट्र को सीधे छत्तीसगढ़ से जोड़ेगा। उन्होंने कहा कि इसके अलावा क्षेत्र नक्सलियों के प्रभाव से मुक्त हो रहा है और लोगों को आजादी के 75 साल बाद एमएसआरटीसी बस सेवाएं मिल रही हैं। फडणवीस ने नक्सलवाद के खिलाफ गढ़चिरौली पुलिस के काम की सराहना की और कहा कि लोग अब नक्सलियों का समर्थन नहीं करते और ना ही कोई व्यक्ति प्रतिबंधित नक्सली संगठन में शामिल होना चाहता है। उन्होंने कहा, “यह बहुत महत्वपूर्ण है।”
“शीर्ष माओवादी आत्मसमर्पण कर रहे”
वहीं, कोंसारी में लॉयड्स मेटल्स एंड एनर्जी लिमिटेड के विभिन्न विभागों का उद्घाटन करने के बाद फडणवीस ने एक सभा में कहा, “राज्य सरकार पिछले दस वर्षों से गढ़चिरौली को परिवर्तित करने की कोशिश कर रही है, ताकि आम आदमी को मुख्यधारा में लाया जा सके और इस जिले से नक्सलवाद को जड़ से उखाड़ फेंका जा सके।” उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के नेतृत्व और गढ़चिरौली पुलिस और स्थानीय प्रशासन के संयुक्त प्रयासों की बदौलत पिछले चार वर्षों में नक्सली गढ़चिरौली में एक भी व्यक्ति को अपने साथ नहीं जोड़ पाए हैं। उन्होंने कहा कि शीर्ष माओवादी आत्मसमर्पण कर रहे हैं और मुख्यधारा में शामिल हो रहे हैं।