कानपुर नगर मे एक नया कारनामा सामने आया है, जिसमें स्वास्थ्य विभाग के आयुष्मान सेल में डॉक्टर व कर्मचारी के खिलाफ प्रबंधक एवं चिकित्सालय ने मोर्चा खोल दिया जिलाधिकारी व माननीय बृजेश पाठक स्वास्थ्य मंत्री तक उनके भ्रष्टाचार का काला चिट्ठा लेकर जाने की तैयारी में है।
एक संविदा कर्मचारी जब से आयुष्मान के पैनल में शामिल हुआ है तब से करोड़ों की प्रॉपर्टी लखनऊ इलाहाबाद कानपुर मे कई शहरों में बेनामी संपत्ति बना ली है, कई चिकित्सालय ने शिकायत भी की है किंतु अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। सूचना है कि आयुष्मान के डॉक्टर साहब के द्वारा चिकित्सालय आयुष्मान में संबंध कारण जाने के लिए लाखों का पेमेंट ऑनलाइन लिया गया जो कि लखनऊ में अपनी पत्नी को फ्लैट खरीदने के लिए ट्रांसफर कराया गया। कई चिकित्सालय से 5 से 10 लख रुपए तक मांगा ,साथ ही सोने की चैन भी मांगा गया न दिए जाने पर उसके चिकित्सालय का आवेदन ही रद्द कर दिया।
अब देखते हैं जब इन डॉक्टर साहब के कारनामे उजागर हो रहे हैं तो जिलाधिकारी व मुख्य चिकित्सा अधिकारी के स्तर से क्या कार्रवाई की जाती है या लीपा पोती कर मामले को सालटा लिया जाता हैसूत्रों का दावा है कि सीएमओ कार्यालय को लगातार शिकायतें मिलने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई, क्योंकि भारी वसूली का हिस्सा ऊपर तक पहुंचने की बात चर्चा में रही।
विभाग के कुछ अधिकारी उसे हूटर लगी गाड़ी में साथ लेकर निरीक्षण पर जाते रहे, जिससे क्षेत्रीय संस्थानों में उसका दबदबा और मजबूत हुआ और वसूली का आंकड़ा 2–3 करोड़ रुपये तक पहुँच गया। शिकायतें बढ़ने के बाद अब वह अकेले अस्पतालों में जाकर वसूली करने लगा है।
कई संचालकों का यह भी कहना है कि यदि वे डीएम के पास शिकायत लेकर जाते हैं, तो वह उनका व्यवसाय बंद करवाने की धमकी देता है। अब कई अस्पताल संचालक और कर्मचारी पूरे मामले का विस्तृत ब्योरा जिलाधिकारी के संज्ञान में देने की तैयारी में हैं। देखना होगा कि क्या इस पूरे प्रकरण में कोई वास्तविक कार्रवाई होती है या फिर मामला एक बार फिर विभागीय लीपापोती में दबकर रह जाएगा।
RB News World Latest News