उन्नाव में प्रशासन की बड़ी कार्रवाई 1.76 करोड़ की शासकीय भूमि अवैध कब्जे से मुक्त
जनपद में शासन के निर्देशानुसार चलाए जा रहे अतिक्रमण विरोधी अभियान के तहत प्रशासन ने एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया। तहसील सदर अंतर्गत ग्राम हरिहरपुर गैर एहतमाली में स्थित शासकीय भूमि पर लंबे समय से हो रहे अवैध कब्जे को हटवाते हुए प्रशासन ने करीब 1.76 करोड़ रुपये मूल्य की भूमि को अतिक्रमण से मुक्त कराया। इस कार्रवाई से क्षेत्र में प्रशासनिक सख्ती का सीधा संदेश गया है।
यह पूरा मामला तब उजागर हुआ जब तहसील दिवस के अवसर पर एक शिकायती प्रार्थना पत्र जिलाधिकारी व आयुक्त को सौंपा गया। शिकायत में स्पष्ट किया गया था कि हरिहरपुर गांव में रेत की शासकीय भूमि पर अवैध रूप से निर्माण कर निजी प्लॉटिंग की जा रही है। जिलाधिकारी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए तत्काल जांच के आदेश दिए।
राजस्व विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर स्थलीय निरीक्षण किया और विस्तृत रिपोर्ट तैयार की। रिपोर्ट में यह पाया गया कि गाटा संख्या 62न (1.01 हेक्टेयर), 63र (1.02 हेक्टेयर), 64क (1.97 हेक्टेयर), 65क (0.790 हेक्टेयर) और 66क (0.550 हेक्टेयर) — कुल 5.34 हेक्टेयर भूमि — राजस्व अभिलेखों में रेत की शासकीय भूमि के रूप में दर्ज है।
निरीक्षण के दौरान यह भी सामने आया कि उक्त भूमि के एक हिस्से पर अवैध रूप से गेट, इंटरलॉकिंग ईंटें और अन्य निर्माण कार्य कर निजी प्लॉटिंग की जा रही थी। इस कार्य में किसी प्रकार की वैध अनुमति या सरकारी स्वीकृति नहीं ली गई थी, जिससे यह पूरी प्रक्रिया गैरकानूनी मानी गई।
प्रशासन ने इस गंभीर अतिक्रमण को गंभीरता से लिया और त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए। 24 जून 2025 को उपजिलाधिकारी सदर के नेतृत्व में तहसीलदार, राजस्व विभाग और पुलिस बल की संयुक्त टीम ने गांव में पहुंचकर अवैध निर्माण को हटाने की प्रक्रिया शुरू की।
कार्रवाई के दौरान किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए पर्याप्त संख्या में पुलिस बल मौजूद रहा। टीम ने संयमपूर्वक कार्य करते हुए गेट और इंटरलॉकिंग समेत अन्य निर्माणों को हटवाया और भूमि को शासन के नियंत्रण में वापस ले लिया।
प्रशासन ने इस कार्रवाई में कुल 3.15 हेक्टेयर भूमि को अतिक्रमण से मुक्त कराया, जिसकी अनुमानित बाजार कीमत 1 करोड़ 76 लाख रुपये आंकी गई है। शेष भूमि की निगरानी लगातार की जा रही है और उस पर भी जल्द आवश्यक कार्रवाई की योजना है।
जिलाधिकारी ने इस पूरी कार्रवाई की पुष्टि करते हुए कहा कि शासकीय भूमि पर किसी भी प्रकार का अतिक्रमण बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यह प्रशासन की प्राथमिकता है कि सरकारी जमीनों को चिन्हित कर उन्हें जनहित के कार्यों के लिए संरक्षित किया जाए।
उन्होंने यह भी बताया कि इस प्रकार के अन्य मामलों की पहचान भी की जा रही है और बहुत जल्द उन पर भी कार्रवाई की जाएगी। सभी राजस्व अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वे अपने क्षेत्र में स्थित शासकीय भूमि की नियमित निगरानी करें।
इस कार्रवाई से क्षेत्रवासियों में प्रशासन के प्रति भरोसा और अधिक मजबूत हुआ है। लोगों ने प्रशासन की तत्परता की सराहना की है और उम्मीद जताई है कि इस तरह की कार्यवाहियों से भविष्य में शासकीय संपत्तियों की लूट और कब्जों पर पूर्ण विराम लगेगा।
जिला संवाददाता – सचिन पांडे