उत्तर प्रदेश के संभल के चंदौसी के लक्ष्मणगंज वारिस नगर में नगर पालिका परिषद की करोड़ों की कीमत की साढ़े 6 बीघा जमीन पर विशेष समुदाय के लोगों द्वारा मस्जिद और मकानों के अवैध निर्माण का मामला सामने आया है। इस मामले में चौंकाने वाली जानकारी यह है कि अवैध कब्जे के बाद विशेष समुदाय के लोगों ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत धनराशि आवंटित कराकर आवास का निर्माण करा लिया।
7 दिन में दस्तावेज पेश करने का आदेश
नगर पालिका की करीब 6 बीघा भूमि पर 34 मकान और एक धार्मिक स्थल मस्जिद बनी हुई है जिसे जिला प्रशासन अवैध तरीके से बना हुआ बता रहा है। वहीं जिला प्रशासन की तरफ से तहसीलदार धीरेंद्र सिंह ने मकान स्वामियों और धार्मिक स्थल मस्जिद के लिए नोटिस दिया है। नोटिस में 7 दिन के अंदर अपने दस्तावेज प्रस्तुत करने के लिए कहा गया है।
क्या कह रहे स्थानीय लोग?
वहीं, इस पूरे मामले पर जो स्थानीय लोग हैं उनका कहना है कि हमने 30 से 35 वर्ष पहले यह भूमि खरीदी थी। इसके साथ ही नगर पालिका को हाउस टैक्स और वॉटर टैक्स भी देते हैं। इसके अलावा प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत भी कुछ मकान स्वामियों को यहां पर लाभ मिला हुआ है।
राजस्व विभाग के तहसीलदार ने की जांच
इस मामले के खुलासे के बाद प्रधानमंत्री आवास योजना के अवैध लाभार्थी अब पालिका परिषद पर ही सवाल उठा रहे हैं। राजस्व विभाग के तहसीलदार ने आज भी अपनी टीम के साथ वारिस नगर इलाके में पहुंचकर लोगों के अवैध मकानों में दस्तावेजों की जांच की है।
लोगों में हड़कंप मचा
इस मामले में बड़ा सवाल यह है कि पालिका की जमीन पर अवैध कब्जे के बाद तमाम लोगों ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत लाखों की धनराशि आवंटित कराकर मकान कैसे खड़े कर लिए। फिलहाल प्रशासन की कार्रवाई से वारिस नगर इलाके के विशेष समुदाय के लोगों में हड़कंप मचा हुआ है।